Vodafone Idea: वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) ने कहा है कि वह सरकार के सपोर्ट के बिना वित्तीय वर्ष 2026 (FY26) से आगे काम नहीं कर सकती है। CNBC-TV18 की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। कंपनी ने कथित तौर पर कहा कि अगर उसे सरकार से समर्थन नहीं मिला तो वह दिवालिया होने के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में जाएगी।
गौर करने वाली बात है कि स्पेक्ट्रम बकाया के लिए वोडाफोन-आइडिया पर सरकार का 1.95 लाख करोड़ रुपये बकाया है। अगर वोडाफोन-आइडिया दिवालिया हो जाती है, तो सरकार, स्पेक्ट्रम बिक्री के 1.18 लाख करोड़ रुपये के बकाए की कोई वसूली नहीं कर पाएगी।
इक्विटी कनवर्जन के बाद, अब वोडाफोन-आइडिया में सरकार की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
कंपनी ने कहा है कि सरकार के इक्विटी कनवर्जन और 26000 करोड़ रुपये के इक्विटी निवेश के बावजूद उसे बैंकों से कोई सपोर्ट नहीं मिला है।
सुप्रीम कोर्ट से लगाई वोडाफोन-आइडिया ने मदद की गुहार
इससे पहले, गुरुवार को वोडाफोन आइडिया ने अपने adjusted gross revenue (AGR) और स्पेक्ट्रम बकाया पर और राहत की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दायर की थी। सीएनबीसी-टीवी 18 की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी जुर्माने और ब्याज के कारण 30,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की छूट की मांग कर रही है।
वोडाफोन आइडिया ने कहा कि सरकार AGR फैसले द्वारा लगाई गई बाधाओं के कारण राहत देने में “असमर्थ” है। रिपोर्ट में आगे दावा किया गया कि एजीआर और स्पेक्ट्रम बकाया को इक्विटी में बदलने के बाद सरकार अब प्रभावी तौर पर 49 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ कंपनी में ‘साझेदार’ है।
लेटेस्ट शेयरहोल्डिंग आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (Foreign Portfolio Investors) के पास 6.56 प्रतिशत हिस्सेदारी है, हालांकि किसी भी व्यक्तिगत निवेशक के पास 1 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सेदारी नहीं है। कंपनी के 59 लाख से ज्यादा छोटे शेयरधारक हैं जिनके पास 2 लाख रुपये तक की अधिकृत शेयर पूंजी है।
