विजय माल्या ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उनकी विदेश में मौजूद संपत्ति के बारे में जानने का बैंकों को कोई अधिकार नहीं। उन्होंने अपनी संपत्ति की जानकारी सीलबंद लिफाफे में 26 जून को देने की कोर्ट से अनुमति मांगी। उन्होंने कोर्ट से कहा कि इस जानकारी को बैंकों से साझा न की जाए। बता दें कि विजय माल्या इस समय लंदन में हैं। उन पर 17 बैंकों का लगभग 9000 करोड़ रुपया बकाया है।
सुप्रीम कोर्ट में माल्या के वकीलों ने कहा कि जब बैंकों ने किंगफिशर को लोन दिया तब विदेश में मौजूद संपत्ति पर विचार नहीं किया गया था। माल्या ने साथ ही 1398 करोड़ रुपये का भुगतान करने का प्रस्ताव भी रखा। यह रकम कर्नाटक हाईकोर्ट ने रोक रखी है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने माल्या को 21 अप्रैल तक पूरी संपत्ति का ब्यौरा देने को कहा था। साथ ही कोर्ट में पेश होने की जानकारी भी मांगी थी।
इससे पहले गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय ने गैर जमानती वारंट के आधार पर विदेश मंत्रालय से माल्या को डिपोर्ट करने की मांग की। माल्या पर मनी लॉन्ड्रिंग का भी केस चल रहा है।

