प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इंटरपोल से कहा है कि शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) जारी करना उसका ‘दायित्व’ बनता है। रेड कॉर्नर नोटिस का मतलब है कि इंटरपोल सदस्य देशों को सूचित करे कि संबंधित व्यक्ति को गिरफ्तार कर उसके देश के कानून के हवाले किया जाना है। गौरतलब है कि माल्या बैंकों के साथ 900 करोड़ रुपए के कर्ज में धोखाधड़ी करने के आरोप में धन-शोधन रोधी कानून के तहत के एक मामले में वांछित हैं। इंटरपोल को इस बारे में लिखे एक विस्तृत पत्र में ईडी ने कहा है कि उसने माल्या के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस की पूरी वैधानिक प्रक्रिया का अनुपालन किया है। जांच एजेंसी ने कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय और माल्या के वकीलों का पक्ष सुनने के बाद ही अदलात ने उनके खिलाफ आदेश जारी किए है।

प्रवर्तन निदेशालय ने वैश्विक पुलिस संस्था को बताया कि माल्या के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करना इंटरपोल का ‘दायित्व’ है ताकि उन्हें (माल्या को) जांच में सहयोग करने को बाध्य किया जा सके और पीड़ितों (बैंकों) के साथ न्याय किया जा सके। ईडी ने कहा है कि भारतीय जांच एजेंसी द्वारा इस तरह के वारंट के लिए इस मामले में सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया जा चुका है। एजेंसी ने इंटरपोल को यह भी बताया कि वह माल्या को उपयुक्त अदालत से भगौड़ा अपराधी घोषित कराने की प्रक्रिया भी शुरू कर रखी है। इस संबंध में मुंबई की अदालत का फैसला कल आने की उम्मीद है।

इंटरपोल ने इस मामले में कार्रवाई करने से पहले प्रवर्तन निदेशालय से उसके द्वारा रेड कॉर्नर नोटिस के मामले में अपनायी गई कानूनी प्रक्रियाओं की विस्तृत जानकारी देने को कहा था। संकटों में घिरे माल्या के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस की यह अर्जी आईडीबीआई बैंक के साथ 900 करोड़ रुपए के रिण में कथित धोखाधड़ी के मामले से जुड़ी है। सीबीआई भी इस मामले की जांच कर रही है। ईडी के मुंबई कार्यालय ने शनिवार (11 जून) को माल्य और उनकी एक कंपनी की 1,411 करोड़ रुपए की सम्पत्तियां कुर्क कर लीं।

बैंकों की ओर से कानूनी कार्रवाई के बीच माल्या गत दो मार्च को राजनयिक पासपोर्ट पर भारत से बाहर चले गये। समझा जाता है कि वह इस समय ब्रिटेन में हैं। हाल में ब्रिटेन ने कहा था कि वह माल्य को वापस नहीं भेज सकती लिहाजा भारत सरकार को उनके प्रत्यपर्णय की कानूनी कार्रवाई शुरू करनी चाहिए। ब्रिटेन सरकार ने यह भी कहा था कि वह माल्या के खिलाफ आरोपों की गंभीरता को मानती है और इस मामले में भारत सरकार का सहयोग करना चाहती है।