केंद्र सरकार ने बुधवार (9 मार्च) को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि विभिन्न बैंकों से 9000 करोड़ रुपए से अधिक के रिण लेने के बाद उसे कथित रूप से नहीं चुकाने को लेकर कानूनी कार्यवाही का सामना कर रहे शराब कारोबारी विजय माल्या हफ्ताभर पहले ही देश छोड़कर चले गए। अटार्नी जनरल (एजी) मुकुल रोहतगी ने न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की पीठ से कहा, ‘‘मैंने अभी कुछ दिन पहले सीबीआई से बात की और उसने मुझे बताया कि दो मार्च को वह (माल्या) देश से चले गए।’’
पीठ ने माल्या को नोटिस जारी किया और बैंकों के कंसोर्टियम की याचिकाओं पर दो हफ्ते में उनका जवाब मांगा। बैंकों के कंसोर्टियम ने उनके पासपोर्ट पर रोक लगाने और शीर्ष अदालत में उनकी पेशी के लिए निर्देश जारी किये जाने की मांग की है।
चूंकि अदालत को यह सूचित किया गया कि माल्या पहले ही देश छोड़कर संभवत: ब्रिटेन जा चुके हैं अतएव पीठ ने अटार्नी जनरल का यह अनुरोध मान लिया कि उनतक नोटिस उनके आधिकारिक राज्यसभा ई-मेल आईडी, लंदन में भारतीय उच्चायोग, विभिन्न उच्च न्यायालयों में उनका प्रतिनिधित्व कर रहे उनके वकील, रिण वसूली न्यायाधिकरण तथा उन कंपनी के माध्यम से पहुंचाए जा सकते हैं।
संक्षिप्त सुनवाई के दौरान एजी ने कहा कि (माल्या पर) विभिन्न बैंकों में 9000 करोड़ रूपए से अधिक का बकाया है और किसी न किसी बहाने वह उसका निस्तारण करने से बचते रहे।
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