केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने रविवार (17 जुलाई) को कहा कि कांग्रेस ने संविधान संशोधन विधेयक में जीएसटी पर कर दर की सीमा लगाने की जो मांग की है वह व्यवहारिक नहीं है। हालांकि उन्होंने उम्मीद जतायी कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक संसद के सोमवार (18 जुलाई) से शुरू हो रहे मॉनसून सत्र में आम सहमति से पारित हो जाएगा। नायडू ने कहा, ‘कुछ एक आपत्तियों के साथ (जीएसटी विधेयक पर) एक व्यापक आमसहमति है। एक विनिर्माण राज्य होने के नाते तमिलनाडु ने विधेयक का विरोध किया है। कांग्रेस संविधान संशोधन विधेयक में कर दर की सीमा चाहती है लेकिन यह व्यवहारिक नहीं है, जीएसटी विधेयक पिछले आठ साल से लंबित है।’

उन्होंने कहा, ‘आम सहमति से विधेयक पारित करना चाहते हैं और न कि बहुमत के जरिए।’ उन्होंने संसद के मॉनसून सत्र में विधेयक पारित होने की उम्मीद जतायी। नायडू ने कहा कि विधेयक पर उस समय भी चर्चा हुई जब प्रणब मुखर्जी वित्त मंत्री थे और मंत्रालय में उनके उत्तराधिकारी पी चिदंबरम ने उसमें कुछ बदलाव किए। पांच राज्यों के वित्त मंत्रियों की समिति द्वारा इस पर विचार-विमर्श के बाद इसे आकार दिया गया।

‘इंडिया इंटरनेशनल कयर फेयर’ के चौथे संस्करण में उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी चाहती है कि विधेयक पारित हो क्योंकि वे सशक्तिकरण चाहते हैं। कांग्रेस द्वारा अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर का मामला उठाए जाने की संभावना के बारे में नायडू ने कहा कि उनका स्वागत है और संबद्ध मंत्री उसका जवाब देंगे। हालांकि उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड में जो हुआ, वे पूरी तरह कांग्रेस के अंदरूनी मामले थे।