Vande Bharat Sleeper Train: अनुसंधान डिज़ाइन एवं मानक संगठन (RDSO) ने दूसरे वंदे भारत स्लीपर रेक का ट्रायल रन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। यह नई ट्रेन BEML द्वारा ICF टेक्नॉलाजी का इस्तेमाल करके विकसित की गई है। इस नई सेमी-हाई-स्पीड स्लीपर ट्रेन से पूरे भारत में लंबी दूरी की रेल यात्रा में बड़े बदलाव आने की उम्मीद है।

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का ट्रायल रन (Vande Bharat Sleeper train trial run)

हमारी सहयोगी द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, परीक्षणों के दौरान, RDSO ने तीन रेलवे जोन में 16-कोच वाले प्रोटोटाइप स्लीपर रेक-2 पर कई गति पर विस्तृत ऑसिलेशन ट्रायल और आपातकालीन ब्रेकिंग डिस्टेंस (EBD) परीक्षण किए। इस रेलवे जोन में उत्तर मध्य रेलवे, पश्चिम मध्य रेलवे और पश्चिम रेलवे शामिल है।

एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने IndianExpress को बताया, “RDSO ने दूसरे वंदे भारत स्लीपर रेक का ट्रायल रन पूरी तरह से पूरा कर लिया है।”

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वंदे भारत स्लीपर ट्रेन न्यूज (Vande Bharat Sleeper train news)

परीक्षण समाप्त होने के बाद, अब ध्यान अगले चरणों पर केंद्रित है, जिसमें ट्रेन के आधिकारिक लॉन्च के लिए मंजूरी और तैयारी शामिल है।

एक अन्य वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने IndianExpress को बताया कि दूसरे वंदे भारत स्लीपर रेक का परीक्षण पूरा होने के बाद, ट्रेन को परीक्षण के दौरान पहचाने गए आवश्यक सुधारों और समायोजनों के लिए BEML वापस भेजा जाएगा।

अधिकारी ने IndianExpress को बताया, “ट्रेल रन के दौरान पहचाने गए सुधारों को करने के लिए इसे BEML को भेजा जाएगा। फिर रेलवे बोर्ड के निर्देशों के अनुसार इसे निर्देशित किया जाएगा।”

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ट्रेन को अधिकतम 180 किमी प्रति घंटे की गति से चलाकर, आरडीएसओ ने इसकी तकनीकी दक्षता, ब्रेकिंग क्षमता, स्थिरता, कंपन और यांत्रिक व विद्युत प्रणालियों की विश्वसनीयता की जांच की।

वंदे भारत स्लीपर की दूसरी रेक परीक्षण गति (Vande Bharat Sleeper second rake trial speed)

वंदे भारत स्लीपर ने परीक्षणों के दौरान 180 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति हासिल की। ​​परीक्षण उत्तर मध्य रेलवे के महोबा-खजुराहो खंड पर शुरू हुआ, इसके बाद पश्चिम मध्य रेलवे के सवाई माधोपुर-कोटा-नागदा खंड पर और पश्चिम रेलवे के अहमदाबाद-मुंबई खंड पर समाप्त हुआ।