Donald Trump Tariff Announcement, List of Countries News: अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज(3 अप्रैल 2025) को आखिरकार वो काम कर दिया, जिसकी आहट पिछले कई दिनों से की जा रही थी। ट्रंप ने बुधवार को 180 से ज्यादा देशों पर टैरिफ लगा दिया और आज से ये टैरिफ दुनियाभर के देशों के लिए प्रभावी हो गए हैं। भारत पर ट्रंप ने 26 प्रतिशत रेसिप्रोकल टैरिफ (reciprocal tariffs) लगाया है और भारत के वाणिज्य मंत्रालय द्वारा इसके असर का विश्लेषण किया जा रहा है। ट्रंप सरकार द्वारा लगाए गए सभी इंपोर्ट्स पर 10 प्रतिशत यूनिवर्सल टैरिफ 5 अप्रैल से और बाकी 16 प्रतिशत 10 अप्रैल से लागू हो जाएगा। बता दें कि भारत सरकार पहले ही ट्रंप प्रशासन के साथ इस पर बात कर रही है कि अगर देश, यूएस की चिंताओं को दूर कर दे तो टैरिफ में कटौती होनी चाहिए। भारत पहले से ही अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए बातचीत कर रहा है, जिसका लक्ष्य शरद ऋतु (सितंबर-अक्टूबर) तक पहले चरण को अंतिम रूप देना है। ट्रंप के टैरिफ की खबर आने के बाद आज भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ खुला और इसमें बड़ी गिरावट दर्ज की गई है…
reciprocal tariffs Act
भारतीय मूल के अमेरिकी सांसदों और प्रवासी समुदाय ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए ‘जवाबी शुल्क’ को ‘बिना सोचा समझा और आत्म-विनाशकारी’ करार देते हुए इसकी आलोचना की है। अमेरिकी सांसदों और प्रवासी समुदाय के इन लोगों ने दोनों देशों के नेताओं से इन चुनौतियों से निपटने के लिए बातचीत करने का आग्रह किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर व्यापक रूप से 26 प्रतिशत का ‘रियायती जवाबी शुल्क’ लगाने की घोषणा की है। ट्रंप ने बुधवार को व्हाइट हाउस के रोज गार्डन से विभिन्न देशों पर शुल्क लगाने की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘ भारत हमसे 52 प्रतिशत शुल्क लेता है, इसलिए हम उनसे इसका आधा – 26 प्रतिशत शुल्क लेंगे।’’
रेसिप्रोकल टैरिफ:
अधिकतर देश इस बात पर बहस कर रहे हैं कि इसका उनकी अर्थव्यवस्था और देश पर किस प्रकार का प्रभाव पड़ेगा।
हमारे देश की केंद्र सरकार ने सभी को एक दूसरे मुद्दे पर व्यस्त कर रखा है।
ऐसा लगता है कि भाजपा सरकार की कोपिंग मैकेनिज्म, विवाद और देश को विभाजित कर रहा है।
क्या वित्त मंत्री को रेसिप्रोकल टैरिफ- प्रभाव और प्रतिक्रिया (impact and reaction) पर संसद में विस्तृत बयान नहीं देना चाहिए?
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यह एक राष्ट्रीय चुनौती है जिसे भाजपा सरकार ने बहुत बुरी तरह से मैनेज किया है।
इस पर वे पहले भी चर्चा कर सकते थे।
भारत की जिस तरह की अर्थव्यवस्था है- इन टैरिफ का हमारी अर्थव्यवस्था पर, नौकरी पर, कारोबार पर, युवाओं पर, बहुत जबरदस्त असर होगा।
फिर भी सरकार चुप्पी साधे हुए है।
आपको किसी के खिलाफ बोलने की जरूरत नहीं है, बस हमें बताएं कि हम, एक राष्ट्र के रूप में, चुनौती का सामना कैसे करेंगे।
The reciprocal tariffs.
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) April 3, 2025
Most countries are debating their way forward with the kind of impact it will have on their economy and country.
Our country’s union government has kept everyone busy on another issue altogether.
Seems like the coping mechanism of the bjp’s government…
अमेरिका द्वारा भारत पर 26 परसेंट लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ को लेकर भारतीय बाजार में चिंता की लकीरें जरूर है लेकिन इन सब के बीच में भी तीन ऐसे बड़े पहलू हैं जो भारत के लिए उम्मीद की किरण के समान है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह टैरिफ पर लॉन्ग टर्म में भारत को फायदा ही पहुंचाएगी। पढ़ें पूरी खबर
ट्रम्प टैरिफ का खुलासा आखिरकार हो गया है और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर 26% रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया है। भारत टैरिफ का विश्लेषण करने और एक बयान जारी करने के लिए तैयार है, 5 अप्रैल से सभी आयातों पर 10% बेसलाइन टैरिफ लागू होगा और चीन पर 34% और वियतनाम पर 46% सहित कुछ अन्य देशों पर उच्च शुल्क लागू होगा। रेसिप्रोकल टैरिफ 9 अप्रैल से प्रभावी होगा।
एशियाई बाजारों में जापान के निक्की में तीन प्रतिशत, दक्षिण कोरिया के कॉस्पी में एक प्रतिशत, चीन के शंघाई कम्पोजिट में 0.39 प्रतिशत और हॉन्ग कॉन्ग के हैंगसेंग में दो प्रतिशत की गिरावट आई। अमेरिकी बाजार बुधवार को सकारात्मक रुख के साथ बंद हुए थे। अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 2.31 प्रतिशत लुढ़ककर 73.22 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन का मानना है कि अमेरिकी वस्तुओं पर भारत उच्च आयात शुल्क वसूलता है, ऐसे में अब देश के व्यापार घाटे को कम करने और विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाना जरूरी था। इस कदम से अमेरिका को भारत के निर्यात पर असर पड़ने के आसार हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि भारत अपने प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में बेहतर स्थिति में है, जिन्हें हमसे अधिक शुल्क का सामना करना पड़ेगा। बीएसई सेंसेक्स 378.60 अंक या 0.49 प्रतिशत की गिरावट के साथ 76,238.84 अंक पर आ गया। बाद में यह 809.89 अंक या 1.05 प्रतिशत की गिरावट के साथ 75,807.55 अंक के निचले स्तर पर पहुंच गया।
अमेरिकी सरकार ने दुनियाभर के 180 देशों पर टैरिफ लगा दिया है। जानें अमेरिका ने सबसे ज्यादा किन देशों पर लगाया टैरिफ? यहां देखें पूरी लिस्ट
चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नए टैरिफ की कड़ी निंदा की है, स्टेट मीडिया ने उन्हें “टैरिफ ब्लैकमेल” कहा है। ग्लोबल टाइम्स ने इस फैसले की आलोचना की, जबकि वाणिज्य मंत्रालय ने “कड़ी जवाबी प्रतिक्रिया” की कसम खाई, यह तर्क देते हुए कि टैरिफ अमेरिकी हितों को नुकसान पहुंचाते हैं और वैश्विक आर्थिक स्थिरता को खतरे में डालते हैं। इसके अलावा, अमेरिका में चीन के राजदूत ने ताइवान को टैरिफ सूची में अलग से सूचीबद्ध किए जाने पर आपत्ति जताई, बीजिंग के रुख की पुष्टि करते हुए कहा कि “ताइवान, चीन का ताइवान है” और ताइवान की स्वतंत्रता के किसी भी रूप को खारिज कर दिया।
चीन पर ट्रंप के टैरिफ की घोषणा के बीच, युआन सात सप्ताह में अपने सबसे निचले स्तर पर गिर गया, जबकि शेयर बाजार में भी गिरावट आई। ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ के एक व्यापक सेट की घोषणा की जो विशेष रूप से राष्ट्र और इसके मुख्य व्यापारिक भागीदारों पर थे। भले ही चीन में निवेशक ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ के लिए तैयार थे, लेकिन लेटेस्ट टैरिफ रेट अपेक्षा से अधिक आक्रामक निकले।
यूरोपीय कमीशन के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने ट्रम्प के टैरिफ के खिलाफ जवाबी उपायों की चेतावनी दी है, जिसमें कहा गया है कि यूरोप अमेरिकी स्टील टैरिफ पर अपनी पहली प्रतिक्रिया को अंतिम रूप दे रहा है और वार्ता विफल होने पर आगे की कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। अमेरिका में निराशा को स्वीकार करते हुए उन्होंने यूरोप से टैरिफ के आर्थिक प्रभाव के लिए तैयार रहने का आग्रह किया।
डोनाल्ड ट्रम्प के अनुसार, “रेसिपोकल” टैरिफ अमेरिकी वस्तुओं पर लगाए गई ड्यूटीज और अन्य नॉन-टैरिफ बैरियर्स की प्रतिक्रिया थी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर डाला कि नए शुल्क से घरेलू स्तर पर विनिर्माण नौकरियों को बढ़ावा मिलेगा। ट्रंप ने कहा, “दशकों से, हमारे देश को निकट और दूर के देशों, मित्र और शत्रु, दोनों ने समान रूप से लूटा, डाका डाला है।”
वियतनाम के प्रधान मंत्री फाम मिन्ह चिन्ह ने अपनी सरकार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा घोषित रेसिप्रोकल टैरिफ से निपटने के लिए एक टास्क फोर्स गठित करने का निर्देश दिया है।
अमेरिका के जवाबी शुल्क की घोषणा के बाद एशियाई बाजारों में कमजोर रुझान के बीच शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट दर्ज की गई। अमेरिका ने भारत पर 26 प्रतिशत का जवाबी शुल्क लगाने की घोषणा की है।
टैरिफ लगाते हुए ट्रंप ने कहा, “ऐसा करके हम अपनी नौकरियों को वापस प्राप्त करेंगे, हम अपने उद्योग को वापस प्राप्त करेंगे, हम अपने छोटे और मध्यम स्तर के व्यवसायों को पुनः प्राप्त करेंगे और हम अमेरिका को फिर से समृद्ध बनाएंगे। अब अमेरिका में नौकरियाँ ज़ोरों पर आएंगी।”
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज (3 अप्रैल 2025) को 180 से ज़्यादा देशों पर टैरिफ लगाने की शुरुआत की। ये टैरिफ तुरंत प्रभावी हो गए हैं।