Budget 2022 Highlights: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि 2021 में 3 करोड़ युवाओं ने रोजगार खोया है, 50 साल में सबसे ज़्यादा बेरोजगारी आज हिन्दुस्तान में है। राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, आपने मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया की बात की लेकिन जो रोजगार हमारे युवाओं को मिलना चाहिए वो नहीं मिला और जो था वो गायब हो गया। राहुल गांधी ने अंबानी और अडानी को देश का सबसे बड़ा मोनोपोलिस्ट करार दिया। उन्होंने कहा कि दोनों उद्योगपति कोरोना के वैरिएंट की तरह डबल-ए (AA) वैरिएंट हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था को अपनी चपेट में लेते जा रहे हैं।
वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने मंगलवार को कहा कि डिजिटल करेंसी को आरबीआई का समर्थन मिलेगा जो कभी भी डिफॉल्ट नहीं होगा। पैसा आरबीआई का होगा लेकिन प्रकृति डिजिटल होगी। आरबीआई द्वारा जारी किया गया डिजिटल रुपया लीगल टेंडर होगा। बाकी सभी लीगल टेंडर नहीं हैं, कभी लीगल टेंडर नहीं बनेंगे। उन्होंने कहा कि क्रिप्टो एक सट्टा लेनदेन है, इसलिए हम इस पर 30% की दर से कर लगा रहे हैं। इथेरियम का वास्तविक मूल्य कोई नहीं जानता।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि संसद में मंगलवार को पेश किए गए आम बजट का जोर गरीब, मध्यम वर्ग और युवाओं को बुनियादी सुविधाएं देने और आय के स्थाई समाधानों से जोड़ने पर है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से वर्ष 2022-23 के आम बजट पर आयोजित कार्यक्रम ‘‘आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था’’ को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि बहुत जरूरी है कि भारत आत्मनिर्भर बने और उस आत्मनिर्भर भारत की नींव पर एक आधुनिक भारत का निर्माण हो।
उधर, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी नीत सरकार अपना ही गुणगान करते रहने एवं आम लोगों की समस्याओं की अनदेखी करने में लगी है। कांग्रेस नेताओं ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि न तो करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद गंगा साफ हुई, न ही जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद वहां आतंकी हिंसा में कमी आई, उल्टे देश भर में महंगाई और बेरोजगारी ने कोविड के कारण पहले से ही परेशान आम लोगों की कमर तोड़ कर रख दी। जबकि पीएम मोदी बोल रहे हैं कि देश बदल रहा है।
नई दिल्ली में बजट को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा- कल निर्मला जी ने जो बजट पेश किया है, इस बजट में देश को आधुनिकता की तरफ ले जाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम है। बीते 7 वर्षों में जो नीतियां बनी, पहले की जिन नीतियों में गलतियों को सुधारा गया उस वजह से आज भारत की अर्थव्यवस्था का निरंतर विस्तार हो रहा है।
टैक्स को लेकर क्या बोलीं FM?:
- कॉपोरेटिव टैक्स घटा। 18% से 15% हुआ।
- इस पर लगने वाला सरचार्ज भी कम किया गया। पहले 12% था, अब 7%।
- कॉपोरेटिव टैक्स की सीमा बढ़ाकर 10 करोड़ रुपए हुई।
- ITR में गड़बड़ सुधारने को दो साल का वक्त मिलेगा।
- पेंशन में भी टैक्स पर छूट
- क्रिप्टो करेंसी से होने वाली आय पर 30 फीसदी कर
Union Budget 2022-23 LIVE Updates in Hindi: कोरोना संकट काल का यह दूसरा केंद्रीय बजट है।
बजट 2022 से पहले मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के उन्मूलन से चक्र निवेश को रफ्तार मिलेगी। साथ ही रोजगार के अवसर पैदा होंगे। टीकाकरण अभियान से इस दिशा में सफलता मिलने की उम्मीद है।
उन्होंने दिन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किए गए इकनॉमिक सर्वे पर कहा कि सरकार ने निम्न आय वर्ग को समर्थन देने के लिए कई कदम उठाए हैं। जाहिर है कि विश्वास बहाली में वक्त लगेगा, क्योंकि उपभोक्ता खर्च में मंदी की वजह सिर्फ आय में कमी नहीं है, बल्कि महामारी और स्वास्थ्य संबंधी अनिश्चितता के कारण भी ऐसा हो रहा है।
वह आगे बोले, ‘एक बार जब महामारी के बादल छंट जाएंगे, तो आय में बढ़ोतरी और रोजगार सृजन को भी बढ़ावा मिलेगा।’
देश का आम बजट केंद्रीय बजट (Union Budget) भी कहलाता है। हर साल इसे वित्त मंत्री पेश करते हैं। यह एक तरह से आने वाले वित्तीय वर्ष (Financial Year) के लिए कर-निर्धारण (Taxation) और खर्चों के लिए सरकार की विस्तृत योजना होती है। बजट भाषण में इसका पूरा ब्यौरा होता है। अपने देश का सबसे पहला बजट सात अप्रैल, 1860 को प्रस्तुत हुआ था। तब ईस्ट इंडिया कंपनी से जुड़े स्कॉटिश अर्थशास्त्री और नेता जेम्स विल्सन ने इसे ब्रिटिश साम्राज्ञी के सामने रखा था, जबकि स्वतंत्र भारत का पहला बजट 26 नवंबर, 1947 को पेश हुआ था। उस दौरान वित्त मंत्री आर के षण्मुखम चेट्टी ने इसे पेश किया था।
वैसे, साल 1955 तक यह सिर्फ एक ही भाषा में पेश होता था। वह भाषा थी- अंग्रेजी। हालांकि, बाद में कांग्रेस सरकार ने इसे अंग्रेजी और हिंदी दोनों में ही पेश करना शुरू कर दिया था। पहले रेल बजट और आम बजट अलग-अलग पेश किए जाते थे। ऐसा साल 2017 तक होता रहा, मगर इसी वर्ष रेल बजट को आम बजट में ही मिला दिया गया था, जिसके बाद से सिर्फ एक बजट ही पेश किया जाता है। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (COVID-19 की दस्तक के बाद साल 2021-22 का बजट कागज-रहित (Paperless Budget) पेश किया गया था।
संसद भवन परिसर में दोनों केंद्रीय वित्त राज्य मंत्रियों के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण। (एक्सप्रेस फोटोः अनिल शर्मा)