Budget 2022 Highlights: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि 2021 में 3 करोड़ युवाओं ने रोजगार खोया है, 50 साल में सबसे ज़्यादा बेरोजगारी आज हिन्दुस्तान में है। राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, आपने मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया की बात की लेकिन जो रोजगार हमारे युवाओं को मिलना चाहिए वो नहीं मिला और जो था वो गायब हो गया। राहुल गांधी ने अंबानी और अडानी को देश का सबसे बड़ा मोनोपोलिस्ट करार दिया। उन्होंने कहा कि दोनों उद्योगपति कोरोना के वैरिएंट की तरह डबल-ए (AA) वैरिएंट हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था को अपनी चपेट में लेते जा रहे हैं।
वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने मंगलवार को कहा कि डिजिटल करेंसी को आरबीआई का समर्थन मिलेगा जो कभी भी डिफॉल्ट नहीं होगा। पैसा आरबीआई का होगा लेकिन प्रकृति डिजिटल होगी। आरबीआई द्वारा जारी किया गया डिजिटल रुपया लीगल टेंडर होगा। बाकी सभी लीगल टेंडर नहीं हैं, कभी लीगल टेंडर नहीं बनेंगे। उन्होंने कहा कि क्रिप्टो एक सट्टा लेनदेन है, इसलिए हम इस पर 30% की दर से कर लगा रहे हैं। इथेरियम का वास्तविक मूल्य कोई नहीं जानता।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि संसद में मंगलवार को पेश किए गए आम बजट का जोर गरीब, मध्यम वर्ग और युवाओं को बुनियादी सुविधाएं देने और आय के स्थाई समाधानों से जोड़ने पर है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से वर्ष 2022-23 के आम बजट पर आयोजित कार्यक्रम ‘‘आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था’’ को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि बहुत जरूरी है कि भारत आत्मनिर्भर बने और उस आत्मनिर्भर भारत की नींव पर एक आधुनिक भारत का निर्माण हो।
उधर, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी नीत सरकार अपना ही गुणगान करते रहने एवं आम लोगों की समस्याओं की अनदेखी करने में लगी है। कांग्रेस नेताओं ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि न तो करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद गंगा साफ हुई, न ही जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद वहां आतंकी हिंसा में कमी आई, उल्टे देश भर में महंगाई और बेरोजगारी ने कोविड के कारण पहले से ही परेशान आम लोगों की कमर तोड़ कर रख दी। जबकि पीएम मोदी बोल रहे हैं कि देश बदल रहा है।
नई दिल्ली में बजट को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा- कल निर्मला जी ने जो बजट पेश किया है, इस बजट में देश को आधुनिकता की तरफ ले जाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम है। बीते 7 वर्षों में जो नीतियां बनी, पहले की जिन नीतियों में गलतियों को सुधारा गया उस वजह से आज भारत की अर्थव्यवस्था का निरंतर विस्तार हो रहा है।
टैक्स को लेकर क्या बोलीं FM?:
- कॉपोरेटिव टैक्स घटा। 18% से 15% हुआ।
- इस पर लगने वाला सरचार्ज भी कम किया गया। पहले 12% था, अब 7%।
- कॉपोरेटिव टैक्स की सीमा बढ़ाकर 10 करोड़ रुपए हुई।
- ITR में गड़बड़ सुधारने को दो साल का वक्त मिलेगा।
- पेंशन में भी टैक्स पर छूट
- क्रिप्टो करेंसी से होने वाली आय पर 30 फीसदी कर
Union Budget 2022-23 LIVE Updates in Hindi: कोरोना संकट काल का यह दूसरा केंद्रीय बजट है।
इस बीच, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने बताया कि सेवा, कृषि और चिकित्सा के क्षेत्र हमारी प्राचीन अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इन्हें नए सिरे से इस बजट में परिभाषित किया गया है। आने वाली नई चुनौतियों के लिए इस बजट में समाधान दिया गया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार सभी डाकघर शाखाओं को कोर बैंकिंग सिस्टम नेटवर्क में लाएगी। डाकघर के सभी खाताधारकों को नेटबैंकिंग की…पढ़ें, पूरी खबर।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “यह बहुत अच्छा बजट है। यह एक बहुत ही समावेशी बजट है जो गरीबों, ग्रामीण और सीमावर्ती क्षेत्रों और पूर्वोत्तर में रहने वाले लोगों सहित समाज के हर वर्ग के हितों का ख्याल रखता है।” हालांकि, बाजार में इसे लेकर खासा उत्साह देखने को नहीं मिला, जबकि सुबह बजट पेश होने से पहले बीएसई के सेंसेक्स में 500 से अधिक अंकों का उछाल देखने को मिला था।
बजट में सरकार ने अगले तीन सालों में 400 नई जेनरेशन की वंदे भारत ट्रेने चलाने की घोषणा की है। मंगलवार को संसद में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये ऐलान किया है।बजट भाषण पढ़ते हुए वित्त मंत्री ने कहा…पढ़ें पूरी खबर।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट 2022 में इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है। हालांकि, केंद्र सरकार ने बजट में राज्य सरकार के कर्मचारियों के सामाजिक सुरक्षा लाभों में मदद करने और उन्हें केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर लाने के लिए…पढ़ें पूरी खबर।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि सरकार रक्षा क्षेत्र में आयात को घटाने और आत्म निर्भरता को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2022-23 के आम बजट को पेश करते हुए लोकसभा में यह बात कही। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र के लिए 68 प्रतिशत पूंजी को स्थानीय उद्योग के लिए आवंटित किया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि अनुसंधान एवं विकास प्रौद्योगिकी उन्नयन के लिए सार्वभौमिक सेवा दायित्व कोष (ओएसओ) का पांच प्रतिशत आवंटित किया जाएगा। सीतारमण ने कहा, ‘‘सभी गांवों में भारतनेट के तहत ऑप्टिकल फाइबर नेट को बिछाने का अनुबंध पीपीपी आधार पर दिया जाएगा।’’ उन्होंने ध्यान दिलाया कि विश्व के लिए जलवायु परिवर्तन का जोखिम बाहरी कारक हैं तथा कम कार्बन विकास रणनीति से रोजगार के अवसर खुलेंगे।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने इस बजट को “गीला पटाखा” है। इससे कोई आवाज नहीं आई। हालांकि, बीजेपी के मनोज तिवारी ने बताया- अभी मैं इसे पढ़ूंगा। पर शुरुआती तौर पर देखकर लगता है कि यह युवाओं और किसानों के लिए बजट है।
इससे पहले, नरेंद्र मोदी कैबिनेट से केंद्रीय बजट को सुबह औपचारिक मंजूरी मिली थी। वित्त मंत्री इससे पहले अपनी टीम के साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने पहुंचीं। यह शिष्टाचार मुलाकात थी, जिसमें उनके साथ केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ.भगवत कृष्णराव कराड, पंकज चौधरी और मंत्रालय के अन्य सीनियर अफसर मौजूद रहे।
60 लाख नई नौकरियां मिलेंगी
30 लाख अतिरिक्त नौकरी देने की क्षमता
एलआईसी का आईपीओ जल्द
3 वर्ष में 400 वंदे भारत ट्रेनें चलेंगी
ऑर्गैनिक खेती करने वालों को प्रोत्साहन
“वन क्लास, वन चैनल” के जरिए शिक्षा
इसी साल 5जी सेवा, गांव ब्रॉडबैंड से जुड़ेंगे
ई-चिप वाले पासपोर्ट मिलेंगे
पोस्ट ऑफिसों को कोर बैंकिंग से जोड़ा जाएगा
आरबीआई एक डिजिटल करेंसी लाएगा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करने के लिए मंगलवार को लाल कपड़े में लिपटा टैबलेट लेकर संसद भवन पहुंचीं। सीतारमण ने वित्त मंत्रालय के अपने कार्यालय के बाहर परंपरागत अंदाज में 'ब्रीफकेस' के साथ तस्वीरें खिंचवाईं। हालांकि, यह सामान्य ब्रीफकेस न होकर लाल कपड़े में लिपटा टैबलेट है। उन्होंने पिछले साल भी डिजिटल अंदाज में अपना बजट भाषण पढ़ा था।
डिजिटल स्वरूप वाले बजट को अपने भीतर समेटे हुए इस लाल कपड़े के ऊपर सुनहरे रंग में राष्ट्रीय प्रतीक-चिह्न अशोक स्तंभ भी था। पहले वित्त मंत्री बजट को लाल रंग के ब्रीफकेस में रखकर संसद भवन ले जाते थे। लेकिन वर्ष 2019 में वित्त मंत्री बनने के बाद से सीतारमण ने ब्रीफकेस की जगह भारतीय परंपरा के अनुरूप बही-खाते की शक्ल में लाल कपड़े में लिपटे बजट को पेश करना शुरू कर दिया था।
कोविड महामारी के बीच 2021 में बजट पेश करने के दिन सीतारमण ने इसमें एक और बदलाव करते हुए डिजिटल बजट पेश किया था। इसके लिए लाल कपड़े में लिपटे टैबलेट के साथ वह नजर आई थीं। इस साल भी सीतारमण ने डिजिटल बजट पेश करने का सिलसिला जारी रखा।
विमान ईंधन एटीएफ की कीमतों में 8.5 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी की गई है। इससे देशभर में एटीएफ के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के बीच एटीएफ के दाम बढ़ाए गए हैं। जहां जेट ईंधन के दाम एक महीने में तीसरी बार बढ़ाए गए हैं। वहीं पेट्रोल और डीजल कीमतों में रिकॉर्ड 88 दिन से कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है।
सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों की मूल्य अधिसूचना के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में एटीएफ का दाम 6,743.25 रुपये प्रति किलोलीटर की वृद्धि के साथ 86,038.16 रुपये प्रति किलोलीटर पर पहुंच गया है। यह एटीएफ कीमतों का रिकॉर्ड स्तर है। इससे पहले नवंबर, 2021 के मध्य में एटीएफ का दाम 80,835.04 रुपये प्रति किलोलीटर की ऊंचाई पर पहुंचा था।
इससे पहले, नरेंद्र मोदी कैबिनेट से केंद्रीय बजट को सुबह औपचारिक मंजूरी मिली थी। वित्त मंत्री इससे पहले अपनी टीम के साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने पहुंचीं। यह शिष्टाचार मुलाकात थी, जिसमें उनके साथ केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ.भगवत कृष्णराव कराड, पंकज चौधरी और मंत्रालय के अन्य सीनियर अफसर मौजूद रहे।
वैसे, साल 2021 में भी टैबलेट के जरिए पेपरलेस बजट पेश हुआ था, जबकि इससे पहले 2020 और 2019 में वह “बही खाता” लेकर (ब्रीफकेस वाली परंपरा तब टूट गई थी) आई थीं। यह उनका चौथा और नरेंद्र मोदी सरकार का 10वां बजट है।
आगामी केंद्रीय बजट पेश किए जाने से एक दिन पहले, पर्यावरण विशेषज्ञों ने सोमवार को आह्वान किया कि “हरित व्यय” के तहत बजटीय आवंटन किया जाए ताकि यह दिखाया जा सके कि ग्लासगो में ‘सीओपी26’ सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए भारत गंभीर है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारत के जलवायु लक्ष्यों के लिए सिर्फ इसी दशक में ऊर्जा भंडारण में करीब 3.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर के निवेश की आवश्यकता होगी।
संसद में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए केंद्रीय बजट पेश किये जाने से पहले मंगलवार को शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 600 अंक से अधिक चढ़ गया, वहीं निफ्टी में 159 अंक की बढ़ोतरी दर्ज की गयी। इस दौरान 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक 603.39 अंक या 1.04 प्रतिशत बढ़कर 58,617.56 पर कारोबार कर रहा था, वहीं निफ्टी 159.25 अंक या 0.92 फीसदी की तेजी के साथ 17,499.10 पर आ गया।
सेंसेक्स में सबसे अधिक 2.45 प्रतिशत की बढ़त इंडसइंड बैंक में हुई। इसके अलावा आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी ट्विन्स, सन फार्मा, इंफोसिस, कोटक बैंक और बजाज फिनसर्व भी बढ़त दर्ज करने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे। दूसरी ओर आईटीसी और पॉवरग्रिड लाल निशान में थे।
बजट से पहले केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण हर क्षेत्र की जरूरतों के हिसाब से समावेशी बजट पेश करेंगी। इसका फायदा सभी को होगा…आज के बजट से सभी क्षेत्रों (किसानों सहित) को उम्मीदें रखनी चाहिए। इस बीच, सुबह केंद्रीय राज्य मंत्री भगवत कराड ने अपने घर पर पूजा-पाठ किया।
– कहीं ये चुनावी बजट तो नहीं होगा
– क्या किसानों के लिए बड़े ऐलान होंगे
– इनकम टैक्स स्लैब बढ़ेगा या नहीं
– हेल्थ सेक्टर का बजट बढ़ सकता है
– मिडिल क्लास की पांच लाख तक टैक्स फ्री की मांग पूरी होगी क्या (मौजूदा 2.5 लाख तक फ्री है)
– स्टैंडर्ड डिडक्शन 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार होगा या नहीं
– सिलेंडर, पेट्रोल और गैस के दाम कम हों
बजट से पहले केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद पहुंच गए हैं। पीएम के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रेलवे, संचार और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव, संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी, और अन्य लोग केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के लिए संसद पहुंच गए हैं।
देश का बजट सीधे तौर पर हमें-आपको प्रभावित करता है। कभी राहत और सहूलियत तो कभी कड़े कदमों की वजह से हमारे बजट पर असर डालता है। पर क्या आप जानते हैं कि यह आखिरकार बनता कैसे है? देखें- वीडियो:
बाल अधिकार संगठनों का कहना है कि बच्चों की सुरक्षा केंद्रीय बजट का केंद्र बिंदु होना चाहिए और बाल श्रम के उन्मूलन के लिए आवंटन में वृद्धि और सामाजिक सुरक्षा-तंत्र को मजबूत करने में अधिक निवेश होना चाहिए। संगठनों ने यह भी कहा कि प्रभावी रोकथाम तंत्र की गति को तत्काल आधार पर तेज करने की आवश्यकता है।
कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन की कार्यकारी निदेशक, ज्योति माथुर ने कहा कि केंद्रीय बजट में बच्चों के लिए बजट आवंटन के कुल प्रतिशत हिस्से में सुधार किया जाना चाहिए, और इसे कम से कम 2020-21 के स्तर पर बहाल किया जाना चाहिए।
संभावना है कि वह राजकोषीय सूझ-बूझ और बढ़ोतरी को समर्थन के बीच संतुलन बैठाने का प्रयास करेंगी। यह भी माना जा रहा है कि अगले वित्त वर्ष का आम बजट निवेश और रोजगार पैदा करने के लिए खर्च बढ़ाने पर केंद्रित होगा। एक अप्रैल, 2022 से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के लिए इस आम बजट में भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर जोर होगा और इसके लिए बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाया जा सकता है।
यह रिकॉर्ड पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम पर है जिन्होंने 1962-69 के बीच वित्त मंत्री रहते हुए सर्वाधिक 10 बार बजट पेश किया। इसके बाद पी चिदंबरम (नौ), प्रणव मुखर्जी (आठ), यशवंत सिन्हा (आठ) और मनमोहन सिंह (छह) आते हैं।
बजट 2022 से पहले सोमवार (31 जनवरी, 2022) को इकनॉमिक सर्वे (आर्थिक समीक्षा) ने बजट के लिए मंच तैयार कर दिया है। आर्थिक समीक्षा में यह अनुमान लगाया गया कि भारतीय अर्थव्यवस्था अगले वित्त वर्ष (2022-23) में 8-8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी।
मार्च में खत्म होने जा रहे वित्त वर्ष में एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में 9.2 फीसदी की दर से विस्तार होने की संभावना है, जबकि इससे पहले पिछले वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
यह भी उम्मीद है कि वित्त मंत्री वृद्धि को समर्थन देने के साथ वित्तीय रूप से सावधान रहते हुए बढ़ोतरी के एजेंडा को बढ़ावा देंगी और इसके लिए अधिक पूंजीगत व्यय की राह अपनाएंगी। इससे निवेश चक्र और रोजगार में तेजी आएगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट को इस बार टैबलेट के जरिए पेश करेंगी। वे इसी की मदद से बजट भाषण भी देंगी। इससे पहले उन्होंने “सूटकेस” वाली परंपरा को तोड़ते हुए “बही खाता” का इस्तेमाल करना शुरू किया था। ऐसा उन्होंने दो साल तक किया।
जीएसटी संग्रह जनवरी में 1.38 लाख करोड़ रुपए रहा है। एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में यह 15 फीसद अधिक है। वित्त मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, 30 जनवरी तक कुल 1.05 करोड़ जीएसटीआर-3बी रिटर्न दाखिल किए गए। इनमें 36 लाख तिमाही रिटर्न शामिल हैं। जनवरी में लगातार चौथे माह जीएसटी संग्रह का आंकड़ा 1.30 लाख करोड़ रुपए से अधिक रहा है।
हर साल जब बजट आता है, तो उससे पहले एक खास परंपरा भी अपनाई जाती है। इसका नाम है- हलवा सेरेमनी। इस मीठे पकवान के साथ बजट का आगाज किया जाता है, पर कोरोना काल की वजह से इस बार बजट से जुड़े अफसरों और कर्मचारियों को हलवा के बजाय मिठाई बांटी गई थी।
घर से वित्त मंत्रालय (नॉर्थ ब्लॉक) पहुंचीं
फिर राष्ट्रपति से शिष्टाचार भेंट होगी
बाद में संसद भवन पहुंचेंगी
कैबिनेट मीटिंग में बजट को मंजूर किया जाएगा
11 बजे लोकसभा में बजट प्रस्तुत करेंगी
यह निर्मला सीतारमण का चौथा बजट है। उनके द्वारा दिया गया दूसरा वाला इतना लंबा था कि कुछ सांसद तो उस दौरान बीच-बीच में झपकी लेते नजर आए थे। सबसे लंबा बजट भाषण देने का रिकॉर्ड सीतारमण के ही नाम है।
उन्होंने वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करने के दौरान दो घंटे 42 मिनट लंबा भाषण दिया था। इस दौरान उन्होंने जुलाई 2019 में बनाए गए अपने ही दो घंटे और 17 मिनट लंबे भाषण के रिकॉर्ड को तोड़ दिया था।
– क्रिप्टोकरेंसी टैक्सेशन पर तस्वीर साफ हो।
– “वर्क फ्रॉम होम” वाले कर्मचारियों के लिए टैक्स रियायतें।
– धारा 80सी की सीमा में इजाफा।
– वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन में बढ़ोतरी।
– धारा 80D या धारा 80DDB के तहत COVID-19 इलाज पर टैक्स राहत।
– जीएसटी के तहत ई-चालान ऐप्लिकिबिलिटी (प्रयोज्यता) में कमी
चूंकि, यह केंद्रीय बजट ऐसे वक्त पर आ रहा है, जब उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत पांच सूबों में कुछ ही वक्त बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में चर्चा है कि क्या इसमें चुनावी राज्यों की झलक दिखेगी और क्या उन्हें भी इस लिहाज से कुछ राहत मिलेगी राहत?
कहा जा रहा है कि आधारभूत ढांचा क्षेत्र में सड़क, रेलवे और जल के लिए अधिक आवंटन हो सकता है। छोटे व्यवसायों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के उपाय भी बजट का हिस्सा हो सकते हैं। उम्मीदें हैं कि आयकर में छूट की सीमा 2.5 लाख रुपए से बढ़ाई जा सकती है।
कोरोना महामारी के प्रकोप और उसकी रोकथाम के लिए लागू की गई देशव्यापी पूर्णबंदी के कारण वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 6.6 फीसद की गिरावट दर्ज की गई। यह आंकड़ा मई, 2021 में जारी अस्थाई अनुमानों से कहीं बेहतर है। उस समय कहा गया था कि 2020-21 के दौरान महामारी और सख्त पूर्णबंदी के कारण सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7.3 फीसद का संकुचन आया था।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने सोमवार को संशोधित राष्ट्रीय खाता आंकड़े जारी करते हुए जीडीपी वृद्धि दर को संशोधित किया। इसके मुताबिक, ‘वर्ष 2020-21 और 2019-20 के लिए वास्तविक जीडीपी या स्थिर कीमतों (2011-12) पर जीडीपी का आकार क्रमश: 135.58 लाख करोड़ रुपए और 145.16 लाख करोड़ रुपए रहा। यह वर्ष 2020-21 के दौरान 6.6 फीसद की गिरावट को दर्शाता है, जबकि 2019-20 में यह 3.7 फीसद बढ़ा था।’
देश का आम बजट केंद्रीय बजट (Union Budget) भी कहलाता है। हर साल इसे वित्त मंत्री पेश करते हैं। यह एक तरह से आने वाले वित्तीय वर्ष (Financial Year) के लिए कर-निर्धारण (Taxation) और खर्चों के लिए सरकार की विस्तृत योजना होती है। बजट भाषण में इसका पूरा ब्यौरा होता है। अपने देश का सबसे पहला बजट सात अप्रैल, 1860 को प्रस्तुत हुआ था। तब ईस्ट इंडिया कंपनी से जुड़े स्कॉटिश अर्थशास्त्री और नेता जेम्स विल्सन ने इसे ब्रिटिश साम्राज्ञी के सामने रखा था, जबकि स्वतंत्र भारत का पहला बजट 26 नवंबर, 1947 को पेश हुआ था। उस दौरान वित्त मंत्री आर के षण्मुखम चेट्टी ने इसे पेश किया था।
वैसे, साल 1955 तक यह सिर्फ एक ही भाषा में पेश होता था। वह भाषा थी- अंग्रेजी। हालांकि, बाद में कांग्रेस सरकार ने इसे अंग्रेजी और हिंदी दोनों में ही पेश करना शुरू कर दिया था। पहले रेल बजट और आम बजट अलग-अलग पेश किए जाते थे। ऐसा साल 2017 तक होता रहा, मगर इसी वर्ष रेल बजट को आम बजट में ही मिला दिया गया था, जिसके बाद से सिर्फ एक बजट ही पेश किया जाता है। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (COVID-19 की दस्तक के बाद साल 2021-22 का बजट कागज-रहित (Paperless Budget) पेश किया गया था।
संसद भवन परिसर में दोनों केंद्रीय वित्त राज्य मंत्रियों के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण। (एक्सप्रेस फोटोः अनिल शर्मा)
