Unified Pension Scheme (UPS): मोदी सरकार ने हाल ही में नई Unified Pension Scheme (UPS) लॉन्च की है। इस नई पेंशन स्कीम से कुल 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। अधिकारियों के मुताबिक, सेंट्रल रेलवे (CR) और वेस्टर्न रेलवे (WR) के करीब 1.36 लाख कर्मचारियों को भी यूपीएस के दायरे में आएंगे। बता दें कि UPS को 1 अप्रैल, 2025 से लागू किया जाएगा।

रेलवे कर्मचारियों के लिए पेंशन सिक्यॉरिटी

यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) की घोषणा शनिवार (24 अगस्त 2024) को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली NDA सरकार द्वारा क गई। इस स्कीम के तहत, जिन कर्मचारियों ने 1 जनवरी 2024 के बाद नौकरी ज्वॉइन की है उन्हें इस स्कीम का फायदा मिलेगा।

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जो कर्मचारी अभी National Pension Scheme (NPS) के योग्य हैं और जो UPS को चुनना चाहते हैं उन्हें रिटायरमेंट से पहले आखिरी 12 महीनों में मिली औसत बेसिक सैलरी (मूल वेतन) का 50 प्रतिशत राशि गारंटीड पेंशन स्कीम के तौर पर दी जाएगी। बता दें कि इस स्कीम का फायदा लेने के लिए न्यूनतम 25 साल की सर्विस होनी जरूरी है। अगर सर्विस की अवधि कम होगी तो रिटायरमेंट के बाद मिलने वाला पैसा भी कम होता जाएगा।

ज़ोनल रेलवे पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ

वेस्टर्न रेलवे के ज़ोनल मैनेजर अशोक कुमार मिश्रा ने कहा कि उनके करीब 96000 में से 66,000 कर्मचारी यानी करीब 70 प्रतिशत NPS सब्सक्राइबर्स हैं और उन्हें UPS से भी फायदा मिलने की उम्मीद है। खास बात है कि इस स्कीम से पेंशन सिक्यॉरिटी मजबूत होती है क्योंकि यह NPS की तरह मार्केट-लिंक्ड नहीं है।

इस स्कीम के आने से ज़ोनल रेलवे के वित्तीय बोझ बढ़ेगा क्योंकि सरकार या कर्मचारी का योगदान NPS के 14 प्रतिशत से बढ़ाकर UPS में 18.5 फीसदी कर दिया गया है। वहीं सेंट्रल रेलवे में करीब 96,039 कर्मचारियों में से 70,778 (करीब 73.69 प्रतिशत) फिलहाल NPS सब्सक्राइबर्स हैं और नई स्कीम से इनको भी फायदा मिलने की उम्मीद है।

आपको बता दें कि नई यूपीएस (यूनिफाइड पेंशन स्कीम) की तुलना पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) से हो रही है और कुछ लोगों का कहना है कि इससे सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ेगा। विरोध के स्वर भी नई UPS स्कीम को लेकर उठने लगे हैं। आपको बता दें कि यूपीएस के तहत रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को फिक्स पेंशन दी जाएगी, यह फायदा एनपीएस में नहीं है जिसके चलते ही इसे लेकर लंबे वक्त से विरोध होता रहा है।