बैंक अकाउंट में किसी भी बड़ी रकम को ट्रांसफर कराना आपके लिए भारी पड़ सकता है, यदि आप इकनम टैक्स डिपार्टमेंट से उसके स्रोत और कारण नहीं बता पाते हैं। इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 69A के मुताबिक यदि बीते फाइनेंशियल ईयर में आपके खाते में ऐसी कोई बड़ी रकम ट्रांसफर हुई है, जिसकी आपके पास डिटेल नहीं है तो फिर उसके लिए बड़ा जुर्माना अदा करना पड़ सकता है। नियम के मुताबिक यदि आप ऐसे रूपये, सोने, ज्वैलरी या अन्य किसी कीमती चीज के मालिक पाए जाते हैं, जिसका आपके पास ब्योरा नहीं है तो फिर इनकम टैक्स विभाग उसे संबंधित वर्ष में आपकी कमाई के तौर पर गिनेगा।

य़ही नहीं ऐसी अघोषित आय पर 60 फीसदी टैक्स+25 फीसदी सरचार्ज और 6 पर्सेंट पेनल्टी देनी होगी। हालांकि कैश क्रेडिट को इनकम टैक्स रिटर्न में शामिल कर लिया जाता है तो फिर 6 फीसदी की पेनल्टी नहीं लगेगी। पैसे, सोना और अन्य कीमती सामानों के अलावा भी अगर किसी टैक्सपेयर के खाते में कोई कैश क्रेडिट हुआ है, जिसका स्रोत नहीं है या कागजी जानकारी नहीं दी गई है अथवा संबंधित अधिकारी संतुष्ट नहीं है तो उस पर भी भारी टैक्स लगाया जाएगा।

नोटबंदी के समय जब सरकार ने रातोंरात 500 और 1000 रुपए के नोट बंद कर दिए थे, तब कई टैक्सपेयर्स ने अपने खातों में भारी रकम जमा की थी जो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की स्क्रूटनी में आता है। इसके बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्सपेयर्स को एक ऑफर दिया था जिसमें डिस्क्लोज्ड इनकम पर टैक्स जमा करने के बाद बिना किसी पूछताछ के बाद मुकदमे बंद करने की बात कही गई थी।

ऐसे में यह जरूरी है कि किसी भी अघोषित रकम को बैंक खाते में स्वीकार न करें। इसके अलावा आप जो भी लेन-देन कर रहे हैं, उसके बारे में पूरी डिटेल रखें ताकि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अफसरों की ओर से पूछताछ में ब्योरा दे सकें। गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने हाल ही में फेसलेस असेसमेंट की लॉन्चिंग की थी।