भारतीय कपड़ा कंपनियों के शेयरों पर आज यानी 28 अगस्त (गुरुवार) को दबाव देखने को मिला क्योंकि निवेशकों ने भारतीय आयात पर टैरिफ दोगुना करने के अमेरिकी कदम पर और ज्यादा प्रतिक्रिया दी। अमेरिकी टैरिफ बढ़ोतरी ने कपड़ा और गारमेंट्स पर शुल्क बढ़ाकर 50% कर दिया है।
इसके कारण कपड़ा क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों जैसे केपीआर मिल, गोकलदास एक्सपोर्ट्स, ट्राइडेंट, अरविंद और वेलस्पन लिविंग के शेयरों में इंट्राडे कारोबार में 3% तक की गिरावट आई।
कपड़ों के लिए क्यों मायने रखते हैं टैरिफ?
यह झटका अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारतीय आयात पर अतिरिक्त 25% शुल्क लगाने वाले एक आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद आया है, जिससे 27 अगस्त से प्रभावी गारमेंट्स और फैब्रिक सहित कई कैटेगिरी पर कुल शुल्क 50% हो गया है।
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निर्यात प्रभावित होने के कारण कपड़ा केंद्रों ने रोका प्रोडक्शन
अमेरिका द्वारा भारतीय गारमेंट्स और फैब्रिक पर 50% का आयात शुल्क लगाने के बाद, तिरुपुर, सूरत और नोएडा सहित भारतीय कपड़ा केंद्रों ने प्रोडक्शन रोकना या कम करना शुरू कर दिया है।
भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (FIEO) के मुताबिक, लगभग 72,000 करोड़ रुपये का निर्यात अब रिस्क में है। इसके अलावा, इससे लाखों कर्मचारियों को रोजगार देने वाले इस सेक्टर में व्यापक रूप से रोजगार छिनने की आशंका भी बढ़ गई है।
उद्योग निकाय ने यह भी चिंता जताई कि भारत से अमेरिका जाने वाले आधे से अधिक शिपमेंट अब वियतनाम और बांग्लादेश जैसे प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में 30-35% लागत घाटे का सामना कर रहे हैं।
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भारतीय टेक्सटाइल पर अमेरिका की निर्भरता
अमेरिका भारत का सबसे बड़ा वस्त्र खरीदार है और हाई टैरिफ लगभग 55% शिपमेंट को सीधे प्रभावित कर सकते हैं। लेकिन भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ अब चीन (30%), वियतनाम (20%), इंडोनेशिया (19%) और जापान (15%) जैसे प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में अधिक हैं, इसलिए चिंता है कि खरीदार अपने ऑर्डर प्रतिस्पर्धी मार्केटों में स्थानांतरित करना शुरू कर सकते हैं।
मार्केट की प्रतिक्रिया
बाजार ने इन चिंताओं पर तुरंत प्रतिक्रिया दी। एसपी अपैरल्स (SP Apparels) में 1.4% की गिरावट देखने को मिली हालांकि, अभी इसमें तेजी देखने को मिल रही है। सियाराम सिल्क मिल्स (Siyaram Silk Mills) में खबर लिखने तक 2% से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल रही है।
अन्य कंपनियों में, रेमंड में 2% फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल रही है, साई सिल्क्स (Sai Silks) में 4.83% की गिरावट आई, जबकि काइटेक्स गारमेंट्स (Kitex Garments) में 3.21% की गिरावट देखने को मिल रही है।
शुरुआती कारोबार में भारत के कुछ सबसे बड़े कपड़ा निर्यातकों में गोकलदास एक्सपोर्ट्स, वर्धमान टेक्सटाइल्स, अरविंद, वेलस्पन इंडिया, शाही एक्सपोर्ट्स, रेमंड, पर्ल ग्लोबल और आलोक इंडस्ट्रीज शामिल हैं। लेटेस्ट टैरिफ घटनाक्रम के साथ, ये कंपनियां अब खुद को अमेरिकी टैरिफ के सीधे निशाने पर पाती हैं।
सरकार का संतुलन (Government’s balancing act)
सरकार ने कपास पर आयात शुल्क में छूट को 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ा दिया है। इसे कपड़ा मिलों और निर्यातकों के लिए इनपुट लागत कम करने के उद्देश्य से उठाया गया कदम माना जा रहा है। इसके अलावा, रिपोर्टों के मुताबिक, सरकार इस झटके को कम करने के लिए अन्य प्रयास भी कर रही है। इनमें और देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर साइन करना शामिल है।
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