These central govt employees will receive higher pension: रेल मंत्रालय के तहत बने रेलवे बोर्ड ने सोमवार (7 अक्टूबर) को एक सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन से जुड़ा एक स्पष्टीकरण जारी किया है। बता दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने 30 जून या 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले कर्मचारियों के लिए 1 जुलाई और 1 जनवरी को देय काल्पनिक वेतन वृद्धि (notional increment) से जुड़ा एक अंतरिम आदेश दिया था। जिसके बाद रेलवे बोर्ड ने ड्यू पेंशन से जुड़ा यह स्पष्टीकरण जारी किया है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उद्देश्य पेंशन लाभों की गणना कैसे की जाती है, इस बारे में भ्रम को दूर करना है। अदालत ने कहा कि 1 मई 2023 से पात्र सेवानिवृत्त लोगों के लिए पेंशन में अतिरिक्त वेतन वृद्धि शामिल होनी चाहिए। हालांकि, इस तारीख से पहले की अवधि के लिए किसी तरह की अतिरिक्त पेमेंट नहीं की जाएगी। इससे पहले जिन लोगों ने याचिकाएं दायर कीं और जीतीं, उनकी पेंशन को भी इस वेतन बढ़ोत्तरी में शामिल करना चाहिए। हालांकि, अगर उनका मामला अभी भी चल रहा है तो ये आदेश, अंतिम फैसला आने तक लागू नहीं होगा।
रेलवे बोर्ड ने दी है क्या सलाह?
रेलवे बोर्ड ने सलाह दी है कि जब वे कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (Department of Personnel and Training) से आगे के मार्गदर्शन का इंतजार कर रहे हैं, तो सभी क्षेत्रीय रेलवे और प्रोडक्शन यूनिट्स को सुप्रीम कोर्ट के हालिया निर्देशों का पालन करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
ऐसे लोगों को अदालत के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए लंबित मामलों में संशोधित आवेदन (revised applications) दायर करने की भी सलाह दी जाती है।
यह स्पष्टीकरण इसलिए महत्वपूर्ण है ताकि सेवानिवृत्त रेलवे कर्मचारियों को पेंशन भुगतान सही और निष्पक्ष रूप से किया जाए जिससे भविष्य में कानूनी विवादों को रोका जा सके।
राष्ट्रीय परिषद (कर्मचारी पक्ष) संयुक्त सलाहकार मशीनरी (JCM) के सचिव ने भी हाल ही में Department of Personnel and Training (DoPT) और Department of Expenditure (DoE) से अनुरोध किया था कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए पेंशन कैलुकलेशन के उद्देश्य के लिहाज से काल्पनिक वेतन वृद्धि ग्रांट के लिए एक सामान्य आदेश जारी किया जाए।
यह अपील सेवानिवृत्त लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी पालन करती है।
6 सितंबर, 2024 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का संदर्भ देते हुए एक पत्र में, सचिव गोपाल मिश्रा ने एक व्यापक सरकारी आदेश की आवश्यकता पर जोर दिया, जो जून या दिसंबर के अंतिम कार्य दिवस पर सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों पर लागू होगा।
