अगर आप कोई बिजनेस चला रहे हैं या फिर अपना खुद का कारोबार शुरू करना चाहते हैं तो सरकार की कई सारी MSME योजनाएं है, जो इसमें आपकी मदद सकती हैं। सरकार की इन योजनाओं का मकसद छोटे और मध्यम उद्यमियों को सस्ती ब्याज दर पर लोन, सब्सिडी और तकनीकी सहायता प्रदान करना है, ताकि वे अपना कारोबार बढ़ा सकें और अधिक लोगों को रोजगार दे सकें।
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MSME क्या है?
MSME का फुल फॉर्म Micro, Small and Medium Enterprises (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) होता है। इन्हें निम्न प्रकार से डिफाइन किया जाता है-
– सूक्ष्म उद्यम (Micro Enterprise) : 1 करोड़ रुपये तक का निवेश और 5 करोड़ रुपये तक का कारोबार
– लघु उद्यम (Small Enterprise) : 10 करोड़ रुपये तक का निवेश और 50 करोड़ रुपये तक का कारोबार
– मध्यम उद्यम (Medium Enterprise) : 10 लाख रुपये तक का निवेश और 50 करोड़ रुपये तक का कारोबार
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ये है 10 एमएसएमई योजना
- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) : इस योजना में ₹20 लाख तक का लोन उपलब्ध कराया जाता है।
- सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के लिए ऋण गारंटी निधि ट्रस्ट (CGTMSE) : MSME लोन के लिए ₹2 करोड़ तक की गारंटी दी जाती है।
- ZED (शून्य दोष, शून्य प्रभाव) प्रमाणन योजना : पर्यावरण अनुकूल मैनुफेक्चरिंग अपनाने वाले MSMEs को वित्तीय सहायता दी जाती है।
- उद्यम सहायता मंच (UAP) : अनौपचारिक सूक्ष्म व्यवसायों (informal micro businesses) के लिए आसान और सरलीकृत रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी जाती है।
- स्टैंड-अप इंडिया योजना : इस योजना के तहत ₹10 लाख से ₹1 करोड़ तक का लोन दिया जाता है।
- आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (ABRY) : नवनियुक्त कर्मचारियों के लिए सरकार नियोक्ता के EPF का 12% योगदान करती है।
- उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना : प्रोडक्शन और एक्सपोर्ट में तेजी के लिए वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाता है।
- बाजार पहुंच पहल (MAI) योजना : ग्लोबल ट्रेड फेयर, बी2बी आयोजनों और इंटरनेशनल मार्केटिंग में भाग लेने पर खर्च की प्रतिपूर्ति की जाती है।
- प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) : नए सूक्ष्म उद्यमों को मैनुफेक्चरिंग के लिए ₹50 लाख और सेवाओं के लिए ₹20 लाख तक ऋण व सब्सिडी दी जाती है।
- SFURTI (पारंपरिक उद्योगों के पुनरुद्धार हेतु निधि योजना) : कारीगरों और पारंपरिक उत्पाद निर्माताओं को समूह बनाकर वित्तीय व तकनीकी सहायता दी जाती है।