बैंकिंग दबाव जोखिम के मामले में भारत की स्थिति पड़ोसी देशों चीन और ब्राजील से बेहतर है। बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (बीआइएस) की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। रिपोर्ट में इस बात को लेकर चिंता जताई गई है कि ऊंचे कारपोरेट कर्ज की वजह से कुछ उभरती अर्थव्यवस्थाआें के ओवर हीटिंग यानी आर्थिक गतिविधियों में सामान्य से बहुत अधिक तेज होने और उत्पादन क्षमता पर भारी दबाव पड़ने की स्थिति बन गई है। ये निष्कर्ष जी-20 अंतरराष्ट्रीय वित्तीय ढांचा कार्यसमूह को सौंपी गई रिपोर्ट का हिस्सा हैं।
यह रपट ऐसे समय आई है जबकि भारत में बैंकिंग प्रणाली में बढ़ते डूबे कर्ज को लेकर चिंता जताई जा रही है। भारत भी जी-20 समूह का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। रिपोर्ट के अनुसार कुछ संकेतकों के आधार पर बीआइएस का मानना है कि कई उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाआें में बैंकिंग दबाव का जोखिम बढ़ रहा है। विशेष रूप से ब्राजील, चीन व तुर्की जैसे देशों के लिए यह स्थिति है जहां कर्ज- सकल घरेलू अनुपात सामान्य रुझानों की तुलना में 10 फीसद या उससे अधिक ऊंचा गया है। हर तीन में से दो वित्तीय संकट उस समय उत्पन्न हुए जब उसके पहले के तीन साल तक जीडीपी की तुलना में कर्ज के अनुपात का अंतर बढ़ गया था।