सरकार ने आश्वासन दिया है कि वह देश में मोबाइल कॉल ड्राप की समस्या से निबटने के लिए सख्त व प्रभावी कदम उठाएगी और उसने निजी दूरसंचार परिचालकों से अपने आधारभूत ढांचे को बेहतर बनाने के लिए कहा है। राज्यसभा में शून्यकाल में नरेश अग्रवाल द्वारा उठाए गए इस मुद्दे पर संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि वह इस बारे में सदस्यों की चिंता से सहमत हैं। उन्होंने कहा कि मैं इस मुद्दे को लेकर चिंतित हूं और हम इसको दुरुस्त कर रहे हैं। पिछले दो तीन साल में इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया गया। मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि मैंने अब जो प्रभावी कदम उठाए हैं, वे पहले कभी नहीं उठाए गए। मैं मजबूत मंत्री हूं और सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए और सख्त कदम उठाउंगा। मैं बीएसनएनएल को भी लाभ में लेकर आऊंगा।

उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों व दबाव के चलते पिछले तीन महीने में निजी मोबाइल कंपनियों ने 14 हजार टावर स्थापित किए हैं जिसमें दिल्ली में 700 नए टावर शामिल हैं। उन्होंने कहा कि एक नया टावर संसदीय सौध और पुस्तकालय भवन में स्थापित किया जा रहा है। प्रसाद ने कहा कि एक सर्वेक्षण में पाया गया कि देश भर में निजी कंपनियों के 18 लाख मोबाइल टावरों में से 35 हजार टावर त्रुटिपूर्ण थे। ऐसे 20 हजार टावरों को ठीक कर दिया गया जबकि 15 हजार को ठीक किया जा रहा है। मेरी सरकार इसकी निगरानी कर रही है तथा निजी कंपनियों से निवेश और आधारभूत ढांचे को बेहतर बनाने के लिए कहा गया है। काल ड्रापिंग पर जुर्माना लगाने के ट्राई के निर्णय पर उन्होंने कहा कि यह निर्णय जनवरी से लागू किया जाएगा।

प्रसाद ने कहा कि बीएनएनएल पिछले पांच साल में पहली बार परिचालन लाभ की स्थिति में आ गया है। कंपनी देश भर में 25 हजार और टावर लगा रही है। बीएसएनएल जो 2004 में लाभ में थी, बाद में घाटे में आ गई। अब पिछले पांच साल में पहली बार यह परिचालन लाभ की स्थिति में आई है। उन्होंने कहा कि वह बीएसएनल को लाभ में लाएंगे। वोडाफोन व एअरटेल के शीर्ष अधिकारियों ने अपनी सेवाओं में दिक्कतों की बात स्वीकार की थी और कहा था कि वे इसमें सुधार करेंगे।

इससे पहले सपा के नरेश अग्रवाल ने कहा कि सरकार बीएसएनएल पर बिल्कुल ध्यान नहीं दे रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बीएसएनएल के अधिकारियों और निजी दूरसंचार कंपनियों की मिलीभगत के कारण बीएसएनएल उपभोक्ताओं को काल ड्राप की समस्याओं का आए दिन सामना करना पड़ता है।