उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में अन्नदाताओं को मदद करने वाली पीएम किसान सम्मान निधि योजना के बड़ी धांधली का मामला सामने आया है। यहां फार्मासिस्ट, अध्यापक, रिटायर्ड फौजी आदि सरकारी कर्मचारियों का नाम भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में जोड़ा गया है। उप कृषि निदेशक उदयभान सिंह गौतम ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में मृतक लोगों का नाम भी जोड़ा गया है। कृषि अधिकारियों और कंप्यूटर सेंटर ने मिलकर मृतकों, रिटायर्ड फौजियों जैसे अपात्र लोगों को भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का फायदा पहुंचा दिया। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में घोटाले का भंडाफोड़ आधार कार्ड सत्यापन के दौरान हुआ। कौशांबी जिले की सिराथु विधानसभा में दर्जनभर से ज्यादा गांव में दलालों ने इस घोटाले को अंजाम दिया।
घोटाला सामने आने के बाद कौशांबी जिले के डीएम ने अपात्र लोगों के नाम को लिस्ट से हटाने और किसान सम्मान निधि योजना की रकम की रिकवरी के निर्देश दिए हैं। इस मुद्दे पर उप-कृषि निदेशक उदयभान सिंह गौतम ने कहा जल्दबाजी में फार्म भरने के चक्कर में मृतक लोगों के नाम भी जुड़ गए। हालांकि इस मामले में लेखपालों द्वारा ढंग से किसानों का सत्यापन नहीं करने के बात सामने आ रही है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की घोषणा 2019 लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए सरकार ने की थी। किसान योजना के तहत सभी लघु एवं सीमांत किसानों को एक वित्त वर्ष में दो हजार की तीन किश्तों में छह हजार रुपए की आर्थिक मदद प्रदान की जाती है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को खुद रजिस्ट्रेशन करने की सुविधा प्रदान की गई है। कंप्यूटर सेंटर्स, बैंक और कृषि विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से देशभर में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में घोटाले सामने आ रहे हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में एक बड़ा सिंडिकेट कंप्यूटर सेंटर्स के साथ मिलकर गांवों में धांधली कर रहा है।
तमिलनाडु में 110 करोड़ रुपये का स्कैम: इससे पहले उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के तिलहर में भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में घोटाला सामने आया था। वहां स्कूली छात्रों के खाते में भी किसान योजना की रकम पहुंच गई थी। इससे पहले तमिलनाडु की कल्लाकुरूचि-विल्लापुरम् बेल्ट में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में 110 करोड़ का बड़ा घोटाला सामने आया है।