टाटा ग्रुप ने कभी स्टार्टअप के तौर पर टीसीएस की शुरुआत की थी, लेकिन आज यह कंपनी देश की सबसे ज्यादा मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली आईटी फर्म है। 10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के बाजार पूंजीकरण वाली इस कंपनी की शुरुआत जेआरडी टाटा ने 1968 में की थी। दरअसल टाटा कंसलटेंसी सर्विस की शुरुआत जेआरडी टाटा के करीबी और ब्रदर-इन-लॉ कर्नल लेसलाई साहनी के सुझाव पर हुई थी। उस समय टाटा कंसलटेंसी सर्विस की शुरुआत ग्रुप की डाटा प्रोसेसिंग जरूरतों को पूरा करने के लिए की गई थी। TCS की शुरुआत उस समय की गई सब लोग कंप्यूटर को शंका की नजर से देखते थे क्योंकि उन्हें लगता था यह मानव रोजगार खत्म कर सकता है। टीसीएस के शुरुआती कॉन्ट्रैक्टस में TISCO के लिए शुरू की गई पंचकार्ड सर्विस शामिल थी।
इसके अलावा सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के लिए इंटर-ब्रांच रिकॉन्सिलिएशन सिस्टम और यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया के लिए ब्यूरो सर्विस सुविधा भी टीसीएस के शुरुआती कॉन्ट्रैक्ट्स में थे। 1969 में टाटा इलेक्ट्रिक कंपनी के डायरेक्टर फकीर चंद कोहली को टीसीएस का जनरल मैनेजर बनाया गया। कुछ समय बाद फकीरचंद कोहली टीसीएस के सीईओ बन गए। फकीर चंद कोहली के समय टीसीएस में काफी ट्रांसफॉरमेशन देखने को मिले।
कहा जाता है कि कंपनी को खड़ा करने में कोहली का अहम योगदान था। यही कारण है कि उन्हें आईटी इंडस्ट्री का पितामह भी कहा जाता है। 1980 में टीसीएस ने पुणे में टाटा रिसर्च डेवलपमेंट एंड डिजाइन सेंटर की स्थापना की। यह देश का पहला सॉफ्टवेयर रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर है। 1993 में टाटा ने कनाडा की सॉफ्टवेयर फैक्ट्री-इंटीग्रिटी सॉफ्टवेयर कोर्प में 1993 से भागीदारी की, जिसका बाद में टीसीएस ने अधिग्रहण कर लिया।
टीसीएस को वास्तविक ऊंचाईयां रतन टाटा के टाटा संस की जिम्मेदारी संभालने के बाद मिली। 1996 में रतन टाटा ने रामादोराई को टीसीएस का चीफ एग्जीक्यूटिव बनाया। उस समय टीसीएस सिर्फ 160 मिलियन डॉलर की कंपनी थी। टीसीएस के इस मुकाम पर पहुंचने में एस रामादोराई का भी अहम योगदान माना जाता है। रामादोराई ने टीसीएस की लीडरशिप स्टाइल में काफी बदलाव किया।
रामादोराई ने अपनी किताब ‘द टीसीएस स्टोरी’ में लिखा प्रसिद्ध कंप्यूटर निर्माता Burroughs के साथ टीसीएस की पार्टनरशिप हमारे लिए फायदेमंद रही। इस दौरान हमने अपनी इंजीनियर्स को माइक्रो-प्रोग्रामिंग और सॉफ्टवेयर आर्किटेक्चर के फंडामेंटल कंसेप्ट में ट्रेन किया।
टीसीएस को पहला बड़ा आउटसोर्सिंग कॉन्ट्रैक्ट Burroughs से हॉस्पिटल अकाउंटिंग सिस्टम के अपग्रेडेशन के लिए मिला। 2004 में टीसीएस पब्लिकली लिस्टेड कंपनी बन गई। रामादोराई के बाद चंद्रशेखरन टीसीएस के एमडी बने जिनके नेतृत्व में टीसीएस ने 2015-16 में 16.5 बिलियन डॉलर का राजस्व जुटाया। फिलहाल राजेश गोपीनाथन टीसीएस के एमडी और सीईओ हैं, जिनके नेतृत्व में पिछले 1 महीने में टीसीएस की मार्केट वैल्यूएशन 1 लाख करोड रुपए बढ़ गई है। टाटा कंसलटेंसी सर्विस के लगभग 46 देशों में 289 ऑफिस हैं। इसके अलावा 21 देशों में टाटा कंसलटेंसी सर्विस के 147 डिलिवरी सेंटर भी हैं।