कई भारतीय हर सुबह 10 बजे लगभग असंभव काम (भारतीय रेलवे के IRCTC पोर्टल के जरिए टिकट बुक) करने की कोशिश करते हैं। इसे तत्काल ट्रेवल के लिए एक सुविधा माना जाता था। लेकिन अब एक निराशाजनक डिजिटल भगदड़ में बदल गया है। पेज फ्रीज हो जाता हैं, पेमेंट गेटवे क्रैश हो जाते हैं और सीटें कुछ ही सेकंड में फुल हो जाती हैं। एक ऐसी घटना जो हाल के दिनों में नियमित यात्रियों के लिए काफी आम हो गई है। अब भारतीय रेलवे ने इसके पीछे के अपराधियों (बॉट्स, नकली यूजर्स आईडी) का खुलासा किया है।

आईआरसीटीसी ने इस मामले पर क्या कहा?

आईआरसीटीसी ने अकेले जनवरी से मई 2025 के बीच बुकिंग विंडो खुलने के सिर्फ 5 मिनट के अंदर बनाए गए 2.9 लाख संदिग्ध PNR का पता लगाया। TOI की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह सिस्टम के दुरुपयोग का स्पष्ट संकेत है। अधिकारियों ने कार्रवाई करते हुए , 2.5 करोड़ यूजर आईडी को निष्क्रिय कर दिया और 20 लाख को फिर से मान्य करने के लिए फ्लैग किया। इनमें से कई अकाउंट एजेंटों या सॉफ्टवेयर से जुड़े थे जो सिस्टम में खामियों का फायदा उठा रहे थे।

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अस्थायी ईमेल आईडी (Temporary), फेक पते का इस्तेमाल करके इन्होंने IRCTC की जांच को दरकिनार करने के लिए कई नकली अकाउंट बनाए। कुल 6,800 ऐसे डोमेन ब्लॉक किए गए हैं और राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल पर 134 शिकायतें दर्ज की गई हैं। ऑपरेशन के पैमाने ने कई लोगों को चौंका दिया है, लेकिन नियमित यात्रियों को भी राहत मिली है जिन्हें गड़बड़ी का संदेह था।

टिकट काला बाजारी

तत्काल टिकट, तत्काल ट्रेवल करने वाले लोगों के लिए पेश किया गया था। इसके बजाय, यह बॉट्स इसका फायदा उठा रहे हैं। माना जाता है कि “नेक्सस” और “सुपर तत्काल” जैसे अवैध सॉफ्टवेयर इस रैकेट के केंद्र में हैं, जो किसी भी इंसान की तुलना में लॉग इन करने, फॉर्म भरने और भुगतान करने में सक्षम हैं।

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नतीजा?

असली ट्रेवलर कुछ ही सेकंड में खुद को वेटिंग लिस्ट में पाते हैं। लोकलसर्किल्स के एक सर्वें से पता चला है कि 73% यूजर्स पहले मिनट में वेटिंग लिस्ट में थे, जबकि 30% ने हार मान ली और एजेंटों की ओर रुख किया। जैसा कि एक सोशल मीडिया यूजर ने कहा, “तत्काल टिकट बुक करना UPSC पास करने से भी ज्यादा मुश्किल है।

IRCTC इस बारे में क्या कर रहा है?

अधिकारियों का दावा है कि वे अब बेहतर तरीके से लड़ने के लिए तैयार हैं। संदिग्ध डोमेन और आईडी को ब्लॉक करने के अलावा, IRCTC ने एंटी-बॉट सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया है और ट्रैफ़िक बढ़ने को बेहतर तरीके से संभालने के लिए एक प्रमुख कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क के साथ भागीदारी की है। ये उपकरण वास्तविक मानव यूजर्स और स्वचालित स्क्रिप्ट के बीच अंतर करने में मदद करते हैं।

दरअसल, IRCTC का दावा है कि उसने 22 मई, 2025 को सुबह 10 बजे प्रति मिनट सबसे ज्यादा 31,814 टिकट बुक किए। उन्होंने यह भी बताया कि अक्टूबर 2024 और मई 2025 के बीच बुकिंग के प्रयास की सफलता का अनुपात 43.1% से बढ़कर 62.2% हो गया है।

थायरोकेयर के संस्थापक ए वेलुमनी का मानना ​​है कि इसका जवाब बुकिंग सिस्टम तक पहुंच बढ़ाने में है। सर्वर लोड को मैनेज करने के अपने अनुभव के आधार पर, वेलुमनी सुझाव देते हैं कि हर घंटे सिर्फ 10% ट्रेनें ही खाली की जाएं, ताकि सर्वर पर दबाव कम हो और हर यूजर्स को उचित मौका मिले।

IRCTC को टैग करते हुए एक वायरल पोस्ट में उन्होंने पूछा कि यात्रियों को एक बार में बुकिंग करने के बजाय समयबद्ध स्लॉट में बुकिंग क्यों न करने दी जाए?।