भारत की सबसे बड़ी स्टील कंपनियों में एक टाटा स्टील ने मई के आखिरी 15 दिनों में रूस से करीब 75 हजार टन कोयला खरीदा है। इकोनॉमिक्स टाइम्स ने दो व्यापारियों और एक सरकारी अधिकारी के हवाले से सूत्रों के जरिए यह जानकारी दी है। कंपनी यह खरीद तब की है जब कुछ महीनों पहले ही यूक्रेन पर हमले के चलते रूस से व्यापारिक संबंध तोड़ने का ऐलान किया था।
गौरतलब है कि टाटा स्टील ने अप्रैल माह में कहा था कि वह अपने सभी प्लांट जो भारत, यूके और नीदरलैंड में मौजूद हैं, वहां पर रूस से आने वाले कच्चे माल की निर्भरता को कम करने के लिए वैकल्पिक आपूर्ति की व्यवस्था कर ली है। इसके साथ ही कहा गया कि कंपनी ने रूस के साथ सभी व्यापारिक संबंध खत्म करने का निर्णय लिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, आयातित कोयला रूस के वानिनो पोर्ट (Vanino Port) से भेजा गया था, जिसमें से करीब 42,000 टन पारादीप पोर्ट पर और हल्दिया में 32,500 टन कोयला ऑफलोड किया गया था। टाटा स्टील के प्रवक्ता ने कहा कि ये ऑर्डर रूस को ऐलान करने से पहले दे दिए गए थे। हालांकि उन्होंने बाद की किसी भी प्रश्न का जवाब नहीं दिया।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की ओर से देखें गए ट्रेड डाटा के मुताबिक, पिछले महीने कई भारतीय स्टील कंपनियों ने बड़ी मात्रा में रूस से कोयले का आयात किया है। भारतीय स्टील कंपनियों में टाटा स्टील ही एक ऐसी कंपनी थी, जिसने रूस से व्यापारिक संबंध तोड़ने का ऐलान किया था।
भारतीय स्टील कंपनियों की ओर से पिछले कुछ समय में रूस से कोयले के आयात में 30 फीसदी तक की बड़ी बढ़त देखने को मिली है। इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण रुसी कोयला उत्पादकों की ओर से भारत की कंपनियों को बड़ा डिस्काउंट देना है।
टाटा स्टील, टाटा ग्रुप की सबसे अधिक मुनाफा कमाने वाली कंपनी है। वित्त वर्ष 22 में इसका एकीकृत शुद्ध लाभ कभी 41,749 करोड़ रुपए रहा था जबकि इसके बाद टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) का नाम आता है, जिसका एकीकृत शुद्ध लाभ 38,449 करोड़ रुपए रहा था।