टाटा मोटर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ गुएंटेर बुश्चेक 30 जून को अपने पद से हट जाएंगे।हालांकि, वह इस साल के अंत तक कंपनी के सलाहकार के रूप में काम करते रहेंगे।

जर्मनी जाने की जताई थी इच्छा: टाटा मोटर्स की ओर से जारी बयान के मुताबिक बुश्चेक ने व्यक्तिगत कारणों से अनुबंध के समाप्त होने पर जर्मनी जाने की अपनी इच्छा के बारे में कंपनी को जानकारी दी थी। टाटा मोटर्स के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा, ‘‘ मैं पिछले पांच साल में टाटा मोटर्स का सफलतापूर्वक नेतृत्व करने और भविष्य के लिए एक मजबूत नींव रखने के लिए गुएंटर को धन्यवाद देना चाहूंगा। मैं कंपनी के सलाहकार के रूप में उनके सुझाव को लेकर उत्सुक हूं।’’

टाटा मोटर्स के मुताबिक कंपनी ने गिरीश वाघ को पदोन्नत कर कार्यकारी निदेशक बनाया है। यह एक जुलाई से प्रभाव में आएगा। वाघ फिलहाल कंपनी के कॉमर्शियल वाहन परिचालन को देख रहे हैं।

कौन संभाल रहा टाटा मोटर्स की जिम्मेदारी: टाटा मोटर्स की जिम्मेदारी बतौर चेयरमैन एन चंद्रशेखरन को मिली हुई है। टाटा समूह के साथ चंद्रशेखरन का साथ तीन दशक पुराना है। उन्होंने 1987 में टाटा के लिए काम शुरू किया। चंद्रशेखरन ने कोयंबटूर के इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नॉलाजी से स्नातक और त्रिची इंजीनयरिंग कालेज से पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई की है।

चंद्रशेखरन की अगुवाई में 100 अरब डॉलर के टाटा समूह का कारोबार बढ़ रहा है। टाटा मोटर्स के बोर्ड मेंबर्स में चंद्रशेखरन के अलावा ओपी भट्ट, हैने सोरेनसेन, वेदिका भंडारकर, मित्सुहिको, थियरी बोलोर, केवी चौधरी भी शामिल हैं।

घाटे में है कंपनी: आपको बता दें कि टाटा मोटर्स को नतीजों में एक बार फिर घाटा हुआ है। वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान टाटा मोटर्स का घाटा 13,395 करोड़ रुपये रहा, जबकि इस दौरान कुल आय 2,52,437 करोड़ रुपये रही।

इसके अलावा बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में उसका घाटा 7,585 करोड़ रुपये रहा। टाटा मोटर्स ने बताया था कि वित्त वर्ष 2019-20 की जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान उसका घाटा 9,864 करोड़ रुपये था।