टाटा मोटर्स की सहायक कंपनी टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड (TPEML) ने गुजरात के सानंद में स्थित फोर्ड इंडिया का मैन्युफैक्चरिंग प्लांट खरीदा है। टीपीईएमएल की ओर से किए गए इस सौदे में प्लांट की जमीन, व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट और सभी मशीनें शामिल हैं। टाटा मोटर्स की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, फोर्ड इंडिया के साथ ये डील 725 करोड़ रुपए में हुई है।

टाटा मोटर्स ने स्टॉक एक्सचेंजों को बताया कि बीते रविवार को  दोनों कंपनियों के बीच एक यूनिट ट्रांसफर एग्रीमेंट (UTA)  हुआ है। इस एग्रीमेंट के मुताबिक मौजूदा समय में प्लांट में जितने भी कर्मचारी काम कर रहे हैं, वे अब टाटा मोटर्स के कर्मचारी बन जाएंगे।

फोर्ड इंडिया पारस्परिक रूप से सहमत शर्तों के आधार पर टीपीईएमएल से पावरट्रेन मैन्युफैक्चरिंग प्लांट की भूमि और भवनों को वापस लीज पर लेकर पावरट्रेन निर्माण का कार्य जारी रखेगा। अगर फोर्ड इंडिया किसी स्थिति में पावरट्रेन निर्माण को बंद करने का फैसला करती है, तो टीपीईएमएल प्लांट के सभी कर्मचारियों को नौकरी देगा। यह प्लांट 3,043 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से और करीब 20,000 लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार देता है।

बता दें, फिलहाल देश में मौजूद टाटा मोटर्स के सभी प्लांट अपनी पूरी क्षमता पर कार्य कर रहे हैं। ऐसे में ये दोनों कंपनियों के लिए फायदे का सौदा है। सानंद प्लांट एक साल में करीब 3,00,000 वाहनों का निर्माण कर सकता है, जिसे जरूरत पड़ने पर 4,20,000 तक बढ़ाया जा सकता है।

 टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड और टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के एमडी शैलेश चंद्रा ने कहा कि फोर्ड इंडिया के साथ किया गया एग्रीमेंट सभी हितधारकों के लिए फायदे का सौदा है। यात्री वाहन सेगमेंट के लिए टाटा मोटर्स की बड़ी योजनाएं हैं। कंपनी ईवी सेक्टर में भी अपनी लीडरशिप को मजबूत करने के लिए कार्य कर रही है।

उन्होंने कहा कि टाटा मोटर्स का यह कदम आत्मानिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में है और यह भारतीय ऑटो उद्योग के विकास और विकास को गति देगा।