मशहूर कार ब्रांड जगुआर लैंड रोवर के स्वामित्व वाली कंपनी टाटा मोटर्स चीन की ऑटोमोबाइस कंपनी Zhejiang Geely Holding Group Co. और जर्मन ऑटोमोबाइल कंपनी BMW AG के साथ साझेदारी करने को लेकर बातचीत कर रही है। टाटा ग्रुप ने अपने एक बयान में कहा है कि वह जगुआर लैंड रोवर की लागत को कम करने और इलेक्ट्रिक कारों के निर्माण में होने वाले निवेश के बोझ को साझा के लिए साझेदार ढूंढ रही है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, टाटा समूह की चीनी कंपनी Geely और जर्मन कंपनी BMW के साथ बातचीत के शुरुआती दौर में है। हालांकि चीनी कंपनी ने टाटा के साथ जगुआर लैंड रोवर के मुद्दे पर कोई बात नहीं होने की जानकारी दी है। वहीं बीएमडब्लू ने भी इस मसले पर कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है।
साझेदारी से ये होगा जगुआर लैंड रोवर को फायदा: रिपोर्ट के अनुसार, चीनी ऑटोमोबाइल कंपनी के साथ साझेदारी होने से जगुआर लैंड रोवर को चीन की मार्केट में भी फायदा मिलने की उम्मीद है, जहां अभी यह संघर्ष कर रही है। वहीं खबर है कि बीएमडब्लू के साथ साझेदारी में ब्रिटिश लग्जरी कार ब्रांड जगुआर लैंड रोवर नए इंजन को डेवलेप करने और इलेक्ट्रिक ड्राइव टेक्नोलॉजी पर काम करना चाहती है। हालांकि इस साल अगस्त में बीएमडब्लू के पूर्व सीईओ ने जगुआर लैंड रोवर में किसी भी तरह के इक्विटी निवेश से इंकार किया था।
ऑटो इंडस्ट्री पर है दबावः दुनियाभर का ऑटोमोबाइल सेक्टर इन समय दबाव में है। दरअसल कार निर्माता कंपनियों पर इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण के साथ ही ऑटोमैटिक ड्राइविंग वाली कारों के निर्माण में निवेश करना है। ऐसे में इस सेक्टर के अपेक्षाकृत छोटे खिलाड़ियों के लिए यह समय काफी दबाव वाला है। वहीं जगुआर लैंड रोवर ने अपने महत्वकांक्षी प्रोग्राम के तहत साल 2020 तक अपने सभी मॉडल्स की कारों का एक इलेक्ट्रिक वैरिएंट लॉन्च करने का ऐलान किया है। कंपनी ने बीते साल अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार I-Pace Crossover को लॉन्च भी कर दिया है।
दुनियाभर में आयी मंदी के असर ने प्रतिद्वंदी कंपनियों के सामने कड़ी चुनौती खड़ी कर दी है, जिसके चलते अब उन्हें साझेदारी के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। दुनिया की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी वॉक्सवैगन एजी ने इस साल फोर्ड मोटर कंपनी के साथ इलेक्ट्रिक कारों के निर्माण और सेल्फ-ड्राइविंग कारों के मामले में साझेदारी की है। इसी तरह फ्रांस के PSA ग्रुप ने बीते माह ही फिएट क्रिश्लर ऑटोमोबाइल एनवी के साथ पार्टनरशिप करने का फैसला किया है।
बता दें कि आर्थिक संकट से गुजर रही जगुआर लैंड रोवर को साल 2008 में टाटा ग्रुप ने 2.3 बिलियन डॉलर की डील में खरीदा था। टाटा संस लिमिटेड के चेयरमैन एन.चंद्रशेखर ने साफ किया है कि उनकी योजना जगुआर लैंड रोवर को बेचने की नहीं हैं।