Swiggy लंबा खेल खेलने की सोच रही है यानी कंपनी फिलहाल ऑर्डर की संख्या बढ़ाने के बजाय मुनाफे (profitability) और सतत विकास (growth) पर ध्यान देगी। यहां बात स्विगी के को-फाउंडर और ग्रुप सीईओ श्रीहर्ष माजेटी ने कंपनी की Q2FY26 एनालिस्ट कॉल में कही। उनका ये बयान ऐसे वक्त में आया है। जब भारत के क्विक कॉमर्स मार्केट में फिर से कड़ी प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है।
दरअसल, हाल ही में मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि Zepto ने रोजाना 20 लाख ऑर्डर्स का आंकड़ा पार कर लिया है। इसके बाद Zepto के सीईओ आदित पलीचा और Swiggy के ग्रुप सीईओ श्रीहर्ष माजेटी के बीच सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई थी।
माजेटी ने किसी कंपनी का नाम नहीं लिया, लेकिन कहा कि Swiggy का फोकस ऐसे बिज़नेस पर है जो लंबे समय तक टिक सके, जबकि बाकी कंपनियां तेजी से विस्तार कर रही हैं और नए फंड जुटाकर स्केल बढ़ाने की कोशिश में हैं।
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मैजेटी ने कहा, “कम औसत ऑर्डर वैल्यू और कम योगदान मार्जिन की कीमत पर वॉल्यूम ग्रोथ हासिल करना एक विकल्प है – लेकिन हम ऐसा नहीं करना चाहते। लंबे समय में, हम जीतने के लिए खेल रहे हैं और इसके लिए टिके रहने की क्षमता की आवश्यकता है। यह टिके रहने की क्षमता तभी मिल सकती है जब कोई कैटेगिरी लगातार योगदान में प्रगति करे। किसी और तरीके से काम करना हमारे काम करने का तरीका नहीं है।”
मैजेटी ने आगे कहा कि यह समझना भी मुश्किल है कि वे (निजी बाजार के क्विक कॉमर्स खिलाड़ी) जो कुछ भी सुझा रहे हैं, उसकी गणना कैसे कर रहे हैं।
जेप्टो का जवाब
जवाब में, जेप्टो के को-फाउंडर और सीईओ आदित पलिचा ने एक इंटरव्यू में मनीकंट्रोल को बताया कि जेप्टो ने स्विगी के इंस्टामार्ट की तुलना में अधिक ऑर्डर दिए हैं और कम पैसा खर्च किया है।
पलिचा ने कहा, “मुझे समझ नहीं आ रहा कि इंस्टामार्ट का प्रति ऑर्डर जेप्टो की तुलना में ज्यादा कैश बर्न होना, ज्यादा टिकने की क्षमता का संकेत कैसे देता है।”
उन्होंने कहा, “पिछली दो तिमाहियों में, हमने ज्यादा ऑर्डर पूरे किए हैं और इंस्टामार्ट की तुलना में प्रति ऑर्डर बहुत कम कैश बर्न किया है। यही सच्चाई है जो निवेशकों को सही ढंग से नहीं बताई जा रही है।”
इससे पहले, ज़ेप्टो के पलिचा ने मनीकंट्रोल को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि जेप्टो के ऑर्डर वॉल्यूम अब अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी की तुलना में 30-40% ज्यादा हैं, जबकि “प्रति ऑर्डर बर्न काफी कम है।” उन्होंने यह भी तर्क दिया कि औसत ऑर्डर वैल्यू (AOV) लागत दक्षता से कम प्रासंगिक हैं।
निश्चित रूप से, स्विगी के वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही के परिणामों के अनुसार, इंस्टामार्ट का वर्तमान में इस कैरेगिरी में सबसे अधिक AOV, 697 रुपये है।
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फिर से प्रतिस्पर्धा तेज
मनीकंट्रोल की एक खबर के अनुसार, मैजेटी और पलिचा का यह कमेंट ऐसे समय में आया है जब भारत के क्विक कॉमर्स सेक्टर में प्रतिस्पर्धा लगातार बढ़ रही है, कई लोग अपने स्टोर नेटवर्क का विस्तार कर रहे हैं और मार्केटिंग खर्च में फिर से तेजी ला रहे हैं।
हालांकि, इंस्टामार्ट ने डार्क स्टोर विस्तार के बजाय अपने क्विक इंडिया मूवमेंट सेल के जरिए छूट और ऑफर पर फोकस किया। इसने सितंबर तिमाही में ब्लिंकिट के 271 की तुलना में केवल 40 नए डार्क स्टोर जोड़े। प्रतिद्वंद्वियों ने मार्केट में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए डार्क स्टोर विस्तार को तेज कर दिया है।
स्विगी नए फंड जुटाने पर कर रही विचार
स्विगी अपनी बैलेंस शीट को मजबूत करने पर विचार कर रही है। 7 नवंबर को कंपनी के बोर्ड मेंबर्स बैठक करेंगे। जिसमें ग्रोथ कैपिटल को मजबूत करने और रणनीतिक फ्लेक्सिबिलिटी बनाए रखने के लिए योग्य संस्थागत प्लेसमेंट (QIP) के जरिए 10,000 करोड़ रुपये तक जुटाने पर विचार किया जाएगा।
