सेंटर ऑफ साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) ने हाल के दिनों में भारत में कई बड़े ब्रांडों के शहद में मिलावट की रिपोर्ट दी। CSE की महानिदेशक सुनीता नारायण ने बताया था कि भारतीय बाजारों में बिक रहे शहद के लगभग सभी ब्रांडों में जबरदस्त तरीके से शुगर सिरप की मिलावट हो रही है। इसके अनुसार डाबर, पतंजलि, बैद्यनाथ, झंडू, हितकारी और एपीआईएस हिमालय सहित शहद के 17 ब्रांड मिलावट कर रहे हैं। टेस्ट में केवल 3 ब्रैंड- सफोला, मार्कफेडसोहना और नेचर नेक्टर एनएमआर पास हुए है।

टेस्ट में फेल हो चुके डाबर का दावा है कि सफोला हनी में भी शुगर शिरप की मिलावट है और उसने खुद इसकी जांच की है। कंपनी का कहना है कि मामले में संबंधित अधिकारियों से इसकी शिकायत की जाएगी। कंपनी ने ये भी कहा है कि वो मैरिको के खिलाफ ASCI में शिकायत दर्ज करवाएगा क्योकिं उसका उत्पाद सफोला हनी खरा नहीं उतरता। कंपनी ने कहा कि बाजार से लिया गया सफोला हनी का नमूना NMR टेस्ट में फेल हुआ है। डाबर के प्रवक्ता ने कहा कि टेस्ट रिपोर्ट सफोला हनी में सुगर सिरप की मिलावट का साफ संकेत देती हैं। NMR टेस्ट में पास होने का उनका दावा भ्रामक है।

डाबर ने कहा है कि उसके उत्पाद ने NMR टेस्ट समय-समय पर कराने के अलावा एसएमआर सहित सभी 22 एफएसएसएआई-अनिवार्य टेस्ट पास कर लिए हैं। मामले में डाबर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि यही कारण है कि डाबर हनी दुनिया का सबसे बड़ा बिकने वाला शहद ब्रांड है। उन्होंने कहा कि डाबर का शहर दुनिया के 15 से अधिक देशों में बेचा जा रहा है। ये यूरोपीय देशों और अमेरिकी नियमों में खरा उतरता है।

दूसरी तरफ मैरिको ने भी कहा कि वो सफोला शहद की शत प्रतिशत शुद्धता की गारंटी देता है। कंपनी ने प्रवक्ता ने कहा कि सफोला हनी का हर बैच एनएमआर तकनीक सहित 60 से ज्यादा परीक्षणों से गुजरता है। इसका उत्पादन USFDA पंजीकृत संयंत्र में किया जाता है। बता दें कि CSE ने साल 2003 और 2006 के दौरान सॉफ्ट ड्रिंक में कीटनाशक की उपस्थिति का खुलासा किया था।