Sudha Murty becomes rajya sabha member: सुधा मूर्ति ने आज (14 मार्च 2024) राज्य सभा सदस्य के तौर पर शपथ ले ली। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें राज्य सभा के लिए मनोनीत किया। जानी-मानी समाजसेवी, इंजीनियर और स्थापित लेखक सुधा मूर्ति के आने के बाद उच्च सदन में लंबे समय से खाली जगह अब भर गई है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस ( 8 मार्च) को उनके राज्य सभा के लिए नामित होने का ऐलान हुआ जिसका खुली बांहों से सबने स्वागत किया। 73 साल की सुधा मूर्ति ने जीवनभर समाज-सेवा, साहित्य और शिक्षा क्षेत्र में काम किया है। Infosys Foundation की पूर्व चेयरपर्सन रहीं सुधा को समाज के उत्थान और विकास में अहम योगदान देने के लिए जाना जाता है।
राज्यसभा में उनकी नियुक्ति को उस अमूल्य भूमिका के प्रमाण के तौर पर देखा जाता है जिसके तहत महिलाएं राष्ट्र के भविष्य को आकार देती है। और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जोर हमेशा से इस बात पर रहा है। सुधा मूर्ति का विवाह इंफोसिस के संस्थापक और भारतीय आईटी इंडस्ट्री के प्रतिष्ठित लीडर एन.आर. नारायण मूर्ति से हुआ है। इसके अलावा उनके दामाद ऋषि सुनक, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री हैं। यह उनके परिवार की शानदार विरासत में एक और बड़ी उपलब्धि है। कुल मिलाकर कहें तो सुधा मूर्ति की राज्य सभा में नियुक्ति उनके शानदार करियर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है जो समाज में सार्थक बदलाव लाने की उनकी कोशिशों में एक और चैप्टर है।
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सुधा मूर्ति का जीवन परिचय, पढ़ाई-लिखाई और परिवार
सुधा मूर्ति का जन्म 19 अगस्त, 1950 को भारत के कर्नाटक राज्य के हावेरी के शिगगावं में हुआ था। उनके पिता डॉक्टर R.H. कुलकर्णी और मां विमला कुलकर्णी ने काफी प्यार से उन्हें बड़ा किया। उनका ताल्लुक देशस्थ माधवा ब्राह्मण परिवार से था। सुधा ने B.V.B. College of Engineering & Technology से पढ़ाई की। इस कॉलेज को अब KLED टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के तौर प जाना जाता है। यहां से उन्होंने Electrical and Electronics Engineering में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। उनके शानदार प्रदर्शन के दम पर कर्नाटक का मुख्यमंत्री ने उन्हें गोल्ड मेडल से नवाजा। इसके बाद उन्होंने प्रतिष्ठित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस से कंप्यूटर साइंस में पोस्ट-ग्रेजुएशन किया।
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Sudha Murty का प्रोफेशनल करियर
सुधा मूर्ति के प्रोफेशल करियर में कई बड़ी उपलब्धियां शामिल हैं। खासतौर पर अपने करियर की शुरुआत में उन्होंने उस समय भारत की सबसे बड़ी ऑटो मैन्युफैक्चरिंग कंपनी TELCO के चेयरमैन को एक पोस्टकार्ड लिखकर जेंडर बायसनेस (लिंग पूर्वाग्रह) को चुनौती दी थी। इसमें उन्होंने वर्कप्लेस पर लैंगिक समानता की जरूरत पर जोर दिया था। इस साहसिक कदम के चलते ही वह TATA Engineering and Locomotive Company (TELCO) की पहली महिला इंजीनियर बनीं। TELCO में उनके कार्यकाल के दौरान पुणे में वालचंद ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज के साथ वरिष्ठ सिस्टम विश्लेषक के रूप में काम करने से पहले उन्होंने पुणे, मुंबई और जमशेदपुर में पोस्टिंग के साथ सीनियर सिस्टम ऐनालिस्ट के तौर पर काम किया।
1996 में सुधा मूर्ति ने Infosys Foundation की शुरुआत की। यह फाउंडेशन देश में शिक्षा, स्वास्थ्य और गांवों में विकास के लिए अलग-अलग तरीकों से काम कर रहा है। इसके अलावा, वह बेंगलुरू यूनिवर्सिटी में विजिटिंग प्रोफेसर के तौर पर भी काम करती हैं। इससे पहले उन्होंने Christ University में भी एक प्रोफेसर के तौर पर काम किया।
सुधा मूर्ति को समाज को बेहतर बनाने में अपने अमूल्य योगदान के लिए Basava Shree Award और Crossword-Raymond Book Awards में लाइफ टाइम अचीवमेट अवार्ड से नवाजा जा चुका है।
सुधा मूर्ति का परिवार
सुधा मूर्ति ने अपने प्रोफेशनल और पारिवारिक जिम्मेदारियों को बखूबी संभाला है। TELCO में काम करते हुए उन्होंने एन.आर. नारायण मूर्ति से शादी की थी। उनके दो बच्चे अक्षता और रोहन हैं। अक्षता के पति ऋषि सुनक फिलहाल ब्रिटेन के पीएम हैं। 2022 में यूके के पहले भारतीय मूल के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद सुधा मूर्ति ने अपने दामाद के लिए खुशी और सपोर्ट जाहिर किया था।
Sudha Murty Net Worth
इन्फोसिस की को-फाउंडर, सुधा मूर्ति के नाम से करीब 150 से ज्यादा किताबें पब्लिश हो चुकी हैं। 775 करोड़ रुपये की नेट वर्थ होने के बावजूद सुधा मूर्ति साधारण जीवन जीती हैं और लो-प्रोफाइल रहना पसंद करती हैं।