भारत के छात्रों के लिए विदेश में पढ़ाई महंगी हो चुकी है। अमेरिका में पढ़ाई का खर्च 1.5 लाख से 2 लाख रुपये तक बढ़ चुका है, तो वहीं अमेरिका, ब्रिटेन और अस्ट्रेलिया में ट्यूशन फीस 10 से 20 फीसदी बढ़ा है। इसके अलावा, हवाई यात्रा के लिए किराया भी बढ़ा दिया गया है। इन सभी बढ़ोतरी के कारण भारत के छात्रों के लिए विदेश में रहने और पढ़ने पर खर्च अधिक हो चुका है।
गौरतलब है कि डॉलर के मुकाबले रुपये में तेज गिरावट के कारण विदेश में शिक्षा पाना महंगा हो चुका है। आए दिन रुपया डॉलर के मुकाबले हर दिन नए निचले स्तर पर पहुंच रहा है। सोमवार, (10 अक्टूबर, 2022) को सुबह 9.30 बजे भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर 82.33 पर कारोबार कर रहा था। वहीं एक्सपर्ट्स का मानना है कि रुपये में अभी और गिरावट हो सकती है और यह 82.80 और 83.50 के लेवल पर जा सकता है।
इन परेशानियों का भी सामना कर रहे भारतीय छात्र
विदेशों में शिक्षा महंगा होने के साथ ही अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में लाखों भारतीय छात्रों के वीजा की मंजूरी नहीं दी गई है। इन्हें वीजा मिलने में काफी देरी हो रही है। वहीं जिन्हें वीजा मिल चुके हैं, उन्हें रुपये में गिरावट के कारण महंगी शिक्षा का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, भारतीय छात्रों के लिए हॉस्टल और होमस्टे की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण विदेशों में आवास ढूंढ़ने और ठहरने में भी पेरशानी हो रही है।
भारतीय छात्रों के लिए जर्मनी क्यों होगा सही?
रुपये के गिरावट के बीच, भारतीय छात्रों के लिए जर्मनी पसंदीदा देश हो सकता है, क्योंकि यहां पर जर्मन सरकार की ओर से शिक्षा पर सब्सिडी दिया जाता है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय छात्रों को ट्यूशन के लिए फीस भी नहीं देना होता है। ऐसे में अन्य फेमस देशों में महंगी शिक्षा के बीच भारतीय छात्रों के लिए एक बड़ी राहत है। जर्मन एकेडमिक एक्सचेंज सर्विस (DAAD) की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की संख्या 2021 में 34,134 हो गई।
ये देश छात्रों के लिए बन रहे पहली पसंद
रुपये में गिरावट के बाद भारतीय छात्रों के विदेश में शिक्षा पाने की पसंद बदली है। विशेषज्ञों का मानना है कि जहां पहले अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे देश छात्रों की पहली पसंद थे, वहीं अब जर्मनी, स्पेन, फ्रांस, पुर्तगाल और यूएई विदेशों में पढ़ने के लिए पसंदीदा देश बनकर उभर रहे हैं।