हाल ही एजुकेशन स्टार्टअप ‘फिजिक्सवाला’ ने ए सीरीज फंडिंग के जरिए निवेशकों से 100 मिलियन डॉलर (770 करोड़) जुटाकर यूनिकॉर्न का मुकाम हालिस किया है। यूनिकॉर्न उन स्टार्टअप कंपनियों को कहा जाता है, जिनका वैल्यूएशन 1 बिलियन डॉलर को पार कर जाता है। कंपनी के सीईओ और उसके संस्थापक अलख पांडे का यहां तक पहुंचने का सफर काफी लंबा रहा है।
अलख पांडे शुरू से ही टीचिंग से काफी लगाव था। वह बच्चों को पढ़ाना पसंद करते थे। जब वह स्कूल में थे, तो परिवार की वित्तीय मदद करने के लिए छोटे बच्चों को कोचिंग दिया करते थे। इस दौरान उनका टीचिंग से लगाव बढ़ता चला गया।
साइकिल से जाते थे कोचिंग पढ़ाने: अलख 11 वीं में कई किलोमीटर दूर 9 वीं के बच्चों को साइकिल से पढ़ाने जाते थे और 12वीं क्लास में उन्होंने मैथ के टीचर बनने का फैसला किया। इसके बाद कॉलेज की पढ़ाई छोड़कर बाद में कानपुर के सॉफ्टवेज कोचिंग इंस्टिट्यूट में बच्चों को कोचिंग पढ़ाना शुरू किया।
वहां छात्रों को अलख का पढ़ाने का तरीका काफी पसंद आया और कोचिंग संथापक ने उन्हें यूट्यूब चैनल शुरू करने की सलाह दी। 2014 में अलख ने फिजिक्सवाला नाम से अपना यूट्यूब चैनल शुरू किया। शुरुआत में ज्यादा सफलता नहीं मिली, लेकिन अलख लगे रहे और 2017 में जॉब छोड़कर यूट्यूब पर ही बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। 2019 के आखिर तक उनके चैनल के 2 मिलियन (20 लाख) से अधिक सब्सक्राइबर हो गए। 2020 में कोरोना वायरस के बाद ऑनलाइन टीचिंग का चलन काफी बढ़ गया और इसने अलख को एक नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया।
ऐप शुरू होते ही हुआ क्रैश: अलख ने बच्चों के बीच अपनी पहचान स्थापित करने के बाद जून 2020 में फिजिक्सवाला ऐप लॉन्च किया। वहीं, Unacademy और BYJU’S जैसी कंपनियों जहां बच्चों को लाखों रुपए के पैकेज बेचने में लगी थी। अलख ने बच्चों के 999 रुपए से कोचिंग पैकेज बेचने शुरू किए। इससे Unacademy और BYJU’S जैसी कंपनियों को बाजार में तगड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक Unacademy ने प्रतिस्पर्धा को खत्म करने के लिए अलख को 75 करोड़ रुपए सालाना तक के पैकेज को ऑफर किया, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया।
फिजिक्सवाला आज एक गिने-चुने लाभदायक स्टार्टअप कंपनियों में से है। मौजूदा समय में 6 मिलियन से अधिक छात्रों, 1500 से अधिक टीचर्स और 350 करोड़ रुपए की आय के साथ देश के एजुकेशन स्टार्टअप में अपनी जगह बना चुका है।
अलख ने कहा, “पीडब्ल्यू (फिजिक्सवाला) इन फंडों का इस्तेमाल कारोबार के विस्तार, ब्रांडिंग, अधिक पीडब्ल्यू ऑफलाइन केंद्र खोलने और अन्य स्थानीय भाषाओं में पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए करेगा।”