यदि आप स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानी एसबीआई के ग्राहक है तो यह आपके लिए जरूरी खबर हैं। एसबीआई अपने मोबाइल ऐप योनो को काफी सुरक्षित बना रहा है। हाल ही में एसबीआई ने योनो ऐप में नया बदलाव किया है।

एसबीआई ने योनो ऐप में सिम बाइंडिंग का फीचर अपडेट किया है। इस अपडेट के बाद योनो ऐप केवल उसी मोबाइल नंबर वाली डिवाइस में काम करेगा, जो बैंक के पास रजिस्टर्ड हैं। आप किसी दूसरे नंबर वाली डिवाइस के जरिए योनो ऐप से लेनदेन नहीं कर सकता है। ऑनलाइन बैंकिंग को और सुरक्षित बनाने के मकसद से बैक यह नया अपडेट लेकर आई है। इस नए अपडेट के बाद कोई अन्य शख्स आपके अकाउंट का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा।

अपग्रेड करना होगा ऐप: इस सुविधा का लाभ लेने के लिए एसबीआई ग्राहकों को योनो ऐप को अपडेट करना होगा। ग्राहक इसे गूगल के प्ले स्टोर से अपडेट कर सकते हैं। ऐप को अपडेट करने के बाद ग्राहकों को ओटीपी के जरिए वैरिफिकेशन भी करना होगा। इसके बाद ही ऐप के जरिए लेन-देन या अन्य ट्रांजेक्शन कर पाएंगे।

इसलिए लिया फैसला: बीते कुछ सालों में ऑनलाइन और बैंकिंग फ्रॉड की घटनाएं बढ़ी हैं। कोरोनाकाल में फ्रॉड की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है। इस कारण एसबीआई ने ग्राहकों के बैंक खातों को सुरक्षित बनाने के लिए अपने योनो ऐप में नया फीचर जोड़ा है।

फिनटेक कंपनी एफआईएस के सर्वे के मुताबिक, जून 2020 से अप्रैल 2021 के दौरान एक तिहाई बैंक उपभोक्ता साइबर फ्रॉड के शिकार हुए हैं। सर्वे में शामिल 34 फीसदी उपभोक्ताओं ने कहा है कि वे पिछले 12 महीनों में वित्तीय फ्रॉड के शिकार हुए हैं। 25 से 29 के आयुवर्ग में वित्तीय फ्रॉड का आंकड़ा 41 फीसदी है।

कोरोनाकाल में बढ़ी यूजर्स की संख्या: कोरोनाकाल के दौरान डिजिटल ट्रांजेक्शन में बढ़ोतरी हुई है। इसका लाभ एसबीआई को भी मिला है। कोरोना के दौरान योनो के जरिए एसबीआई को रिटेल लोन और डिपॉजिटर बेस बढ़ाने में मदद मिली है। दिसंबर 2020 को समाप्त हुए कैलेंडर ईयर में योनो यूजर्स की संख्या बढ़कर 3.2 करोड़ हो गई थी। एकसाल पहले समान अवधि में योनो यूजर्स की संख्या 1.7 करोड़ थी।