देश में स्मार्ट सिटी की तर्ज पर अब स्मार्ट गांव भी विकसित होंगे। इसके लिए केंद्र सरकार ने बुधवार को 5142 करोड़ रुपये के श्यामा प्रसाद मुखर्जी ग्रामीण मिशन को मंजूरी दे दी है। इसका मकसद गांव को स्मार्ट गांव में बदलना, स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार, महानगरों की ओर पलायन रोकना और ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास को गति देना है।

पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में इस योजना को लेकर मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इसमें ग्रामीण विकास मंत्रालय के प्रस्ताव को हरी झंडी दी गई। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद और ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने बताया कि देशभर में ग्रामीण-शहरी अंतर मिटाने को 2019-20 तक 300 ग्रामीण क्लस्टर बनाए जाएंगे।

प्रसाद ने कहा कि इस मिशन का लक्ष्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विकास क्षमताओं का उपयोग करना है। इससे पूरे क्षेत्र में विकास को गति मिलेगी। इन कलस्टरों से आर्थिक गतिविधियों, कौशल विकास, स्थानीय उद्यमिता के साथ ही कई सुविधाएं मिलेंगी ताकि स्मार्ट गांवों का एक क्लस्टर बन सके। इस योजना के तहत राज्य सरकारें ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा क्रियान्वयन के लिए तैयार रूपरेखा के अनुरूप क्लस्टरों की पहचान करेगी।

स्मार्ट गांव की कल्पना के तहत मिशन को मंजूरी दी गई है। पहले चरण में सभी राज्यों में कम से कम एक कल्सटर होगा। बडे राज्यों में आबादी के अनुसार क्लस्टर बनाए जाएंगे।
– रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय मंत्री

संप्रग की योजना विफल रही
सरकार ने कहा कि संप्रग सरकार की पूरा (ग्रामीण इलाकों में शहरी सुविधाओं के प्रावधान) योजना केवल निजी क्षेत्र तक ही सीमित थी। इसलिए वह विफल रही।

मनरेगा के तहत अब 150 दिन रोजगार
कमजोर मानूसन के चलते सूखे की चपेट में आने वाले राज्यों में ग्रामीणों-मजदूरों को महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत 100 के बजाय 150 दिन रोजगार मिलेगा। कृषि मंत्रालय ने सूखे के प्रभाव को कम करने के लिए प्रभावित क्षेत्रों में किसानों को डीजल-बीज पर सब्सिडी सहित अन्य आर्थिक मदद देने की पहले ही घोषणा कर दी है।

ग्रामीणों को मिलेगा योजना का लाभ
– ग्रामीणों को बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा समेत बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं भी मिलेंगी
– इस मिशन के तहत ग्रामीण इलाके के लोगों के लिए कौशल विकास के खासा इंतजाम होंगे
– एक क्लस्टर की आबादी 25-50 हजार लोगों तक की होगी
– पहाड़ी और मरूस्थलीय क्षेत्रों में क्लस्टर पांच हजार से से 15 हजार की जनसंख्या पर बनेगा

क्लस्टर को जरूरी शर्तें
1- कौशल विकास प्रशिक्षण
2- कृषि प्रसंस्करण
3- कृषि से जुडी सेवाएं
4- भंडारण
5- वेयर हाउसिंग
6- डिजिटल साक्षरता
7- स्वच्छता
8- पाइप से जलापूर्ति
9- अपशिष्ट प्रबंधन
10- सडकें और नाले
11- स्ट्रीट लाइट
12- मोबाइल हेल्थ इकाई
13- स्कूलों का उन्नयन
14- गांवों को जोडने वाली सडकें
15- एलपीजी गैस कनेक्शन
16- ई-ग्राम कनेक्टिविटी
17- सिटीजन सेवा केंद्र