आने वाले महीनों में आपको बैंकों में अपनी जमा पर अधिक ब्याज मिल सकता है। आरबीआई की ओर से शनिवार को एक रिपोर्ट जारी की गई, जिसमें बताया गया कि देश में कर्ज की मांग तेजी से बढ़ रही है और बीते कुछ में जमा और लोन पर दी गई राशि की ब्याज दरों में बड़ा अंतर देखा जा रहा है। ऐसी स्थिति में बैंकों को अधिक जमा को आकर्षित करने के लिए ब्याज दरों को बढ़ाना ही होगा।
रुपए गिरती कीमत पर आरबीआई: रुपए की गिरती कीमत पर आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा ने कहा कि इसके लिए सबसे पहले हमें लगाता बढ़ते जा रहे हैं व्यापारिक घाटे और पोर्टफोलियो से होने वाली निकासी पर नजर रखनी होगी। डाटा के मुताबिक आरबीआई ने रुपए की गिरती कीमत को संभालने के लिए करीब 10 बिलियन डॉलर की विदेशी मुद्रा खरीदा और 8.1 बिलियन डॉलर का रिजर्व बेचा है। इस आरबीआई ने नेट दो बिलियन डॉलर का रिजर्व खरीदा है।
महंगाई से मिलेगी राहत: रिजर्व बैंक की ओर से कहा गया है कि अर्थव्यवस्था से मिल रहे संकेतों से ऐसा लग रहा है कि महंगाई अपने चरम स्तर पर पहुंच गई है और आगे इसमें गिरावट देखने को मिलेगी। साथ ही इस वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में महंगाई 6 फीसदी से नीचे पहुंच जाएगी। आगे कहा गया कि महंगाई को 4 फीसदी तक पहुंचने में अभी 2 साल से अधिक का समय लगेगा। सामान्य बारिश और महंगाई के कम दबाव के कारण ग्रोथ को अच्छा सपोर्ट मिलेगा और आर्थिक गतिविधियों में सुधार के कारण लोन की भी डिमांड तेजी से बढ़ेगी।
आरबीआई की ओर से जारी 2022 के बुलेटिन में कहा गया, “मौद्रिक नीति का कोई भी अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। जब भी अर्थव्यवस्था के सामने कोई भी जोखिम खड़ा होता है, तो आरबीआई वे सभी कदम उठाता है जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को बचाया जा सके। वहीं, महंगाई के बारे में कहा कि अभी कुछ भी कहना थोड़ा जल्दबाजी होगा, लेकिन अर्थव्यवस्था से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि महंगाई अपने चरम पर पहुंच चुकी है।”
बता दें, इस साल जून तिमाही में खुदरा महंगाई 7.01 फीसदी रही है, जो पिछले महीने की महंगाई वृद्धि दर 7.04 फीसदी से मामूली स्तर पर कम है। इससे पहले अप्रैल रिटेल महंगाई दर 7.79 फीसदी के ऊपरी स्तर पर पहुंच गई थी।