शेयर बाजार में सोमवार (25 जुलाई,2022) को शेयरों में 14 फीसदी तक की बड़ी गिरावट देखने को मिली। इस गिरावट के कारण जोमैटो के निवेशकों को एक दिन में 1000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। जोमैटो के शेयर आज बाजार खुलते ही गिर गए, हालांकि बाद में शेयर बढ़त देखने को मिल और 1:00 PM पर शेयर एनएसई पर 10.53 फीसदी की गिरावट के साथ करोबार कर रहा था।
शेयर में क्यों हुई 14 फीसदी की गिरावट?
जोमैटो के शेयरों में गिरावट के पीछे का सबसे बड़ा कारण कंपनी में निवेशक बड़े निवेशकों के लॉक-इन पीरियड के खुलने को बताया जा रहा है, जिस वजह से इन निवेशकों के पास मौजूद 615 करोड़ शेयर बाजार में बिक्री के लिए तैयार हो गए हैं। बता दें, सेबी के नियमों के मुताबिक किसी भी कंपनी का आईपीओ आने के बाद एक साल तक कोई भी बड़ा निवेशक अपने शेयर नहीं बेच सकता है।
यह पहली बार नहीं है, जब जोमैटो के शेयरों में लॉक-इन पीरियड समाप्त हो रहा है। इससे पहले पिछले साल अगस्त में एंकर इन्वेस्टर्स का लॉक-इन पीरियड समाप्त हुआ था। उस समय शेयर में 8 फीसदी की गिरावट आई थी।
क्या होता है लॉक- इन पीरियड?
जैसा कि इसके नाम से जाहिर होता है यह एक अवधि होती है, जिसमें शेयरधारक अपने शेयर नहीं बीच सकते हैं। सेबी की ओर से कंपनियों की शेयर बाजार में लिस्टिंग के बाद लॉक- इन पीरियड इस कारण से दिया जाता है, जिससे कंपनी के शेयर में ज्यादा- उतार चढ़ाव देखने को न मिले और कंपनी अपना बिजनेस मॉडल एवं अपनी ताकत को बाजार में दिखा पाए।
लॉक- इन पीरियड निवेशकों पर निर्भर करता है। अगर निवेशक एंकर इन्वेस्टर है तो यह 30 दिनों का होता है जोकि पिछले साल अगस्त में खत्म हुआ था। वहीं, अगर निवेशक प्रमोटर या कर्मचारी है तो फिर इसकी अवधि एक साल तक होती है।
Zomato में बड़े निवेशक
जोमैटो के बड़े निवेशकों में बॉडीज कॉर्पोरेट के पास 15.5 फीसदी, इंफो एज इंडिया लिमिटेड के पास 15.17 फीसदी, उबर बी.वी के पास 7.78 फीसदी, एलिपे सिंगापुर होल्डिंग लिमिटेड 7.10 फीसदी, एंटफिन सिंगापुर होल्डिंग लिमिटेड के पास 6.99 फीसदी, इंटरनेट फंड वीआई लिमिटेड के पास 5.11 फीसदी और इसके अलावा पांच फीसदी से कम वाले करीब 13 से अधिक निवेशक शामिल हैं।