इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (IL & FS) लिमिटेड और इसकी कुछ सहायक कंपनियों द्वारा कथित फंड डायवर्जन और मिस मैनेजमेंट में चल रही जांच के सिलसिले में सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टीगेशन ऑफिस (SFIO) HDFC बैंक की भूमिका की जांच कर रहा है। इससे पहले एजेंसी ने हाल ही में एचडीएफसी के एक शीर्ष कार्यकारी अधिकारी के बयान की जांच की और रिकॉर्ड किया। एक सूत्र ने इंडियन एक्सप्रेस को मामले में जानकारी देते हुए बताया कि एजेंसी IL & FS के बोर्ड में एचडीएफसी द्वारा नियुक्त पूर्व नामित निदेशकों की भी जांच कर सकती है। HDFC के IL & FS में 9.2 फीसदी शेयर हैं।
SFIO ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट में आरोप लगाया कि एचडीएफसी ने IL & FS के EWT यानी इम्प्लॉयी वेलफेयर ट्रस्ट को उधार दिया। रिपोर्ट में एचडीएफसी और आईएल एंड एफएस ईडब्ल्यूटी के बीच 2013-14 के दौरान लेनदेन का भी उल्लेख किया गया है, जहां ट्रस्ट ने एचडीएफसी से आईएल एंड एफएस लिमिटेड के 8 लाख शेयर 1,184. 50 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से खरीदे। रिपोर्ट में SFIO ने यह भी आरोप लगाया कि शेयर बिना किसी मूल्यांकन के ऊंची कीमतों पर प्राप्त किए गए। ऐसा उस वक्त हुआ जब ट्रंस फंड की कमी से जूझ रहा था और यह पर्याप्त नकदी इकट्ठा करने में सक्षम नहीं था, इसके अलावा मौजूदा देनदारियों के लिए समूह की कंपनियों से नया कर्ज ले रहा था।
बता दें कि इंडियन एक्सप्रेस ने मामले में जानकारी के लिए मंगलवार (5 फरवरी, 2019) को कुछ सवालों के जवाब जानना चाहा तो HDFC लिमिटेड ने कोई जवाब नहीं दिया। गौरतलब है कि SFIO ने आरोप लगाया कि इन शेयरों को एचडीएफसी लिमिटेड से आईएल एंड एफएस ईडब्ल्यूटी द्वारा प्राप्त किया गया था। इसके अलावा 94.76 करोड़ रुपए एचडीएफसी लिमिटेड ने एडवांस में भी दिए। SFIO की अंतरिम रिपोर्ट में आगे कहा गया कि एचडीएफसी लिमिटेड से लिया गया 94.76 करोड़ रुपए का कर्ज आज भी ईडब्ल्यूटी की किताबों में बकाया है और इस कर्ज पर ब्याज की सर्विसिंग के लिए ईडब्ल्यूटी नियमित रूप से आईएल एंड एफएस लिमिटेड या उसकी समूह की कंपनियों से कर्ज ले रहा है।