सुप्रीम कोर्ट ने मैगी नूडल्स की नौ किस्मों पर लगा प्रतिबंध हटाने और इनके नमूनों की नए सिरे से जांच के बंबई हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ खाद्य नियामक एफएसएसएआइ की याचिका पर शुक्रवार को नेस्ले इंडिया और महाराष्ट्र सरकार से जवाब तलब किया। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति प्रफुल्ल सी पंत की पीठ ने भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण की याचिका पर नेस्ले इंडिया और महाराष्ट्र सरकार से जवाब-तलब करने के साथ ही इस मामले को अगले साल 13 जनवरी के लिए सूचीबद्ध कर दिया। उसी दिन हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने के बारे में भी विचार किया जाएगा।
खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण ने अपनी अपील में कहा है कि वर्तमान याचिका हाईकोर्ट के 13 अगस्त के फैसले, जिसे चार सितंबर को संशोधित किया गया, के खिलाफ दायर की जा रही है। इस फैसले में हाईकोर्ट ने खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस इस आधार पर निरस्त कर दी थी कि इसमे नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत का हनन हुआ है।
हाई कोर्ट ने प्रतिवादी कंपनी नेस्ले इंडिया को अपने उत्पाद बेचने की अनुमति दे दी थी बशर्ते उसके नमूने नए परीक्षण में खरे उतरें। याचिका में कहा गया है कि प्रतिवादी कंपनी को परीक्षण के लिए अपने उत्पादों के नमूनों का चयन करने की अनुमति दी गई है। हाईकोर्ट ने इन परीक्षणों के लिए उन प्रयोगशालों की सूची दी है जिनके बारे में प्रतिवादी कंपनी ने सुझाव दिया था। अपील के अनुसार, इस तरह से खाद्य सुरक्षा एवं मानक कानून के तहत किसी भी उत्पाद के परीक्षण का मूल मकसद ही विफल हो जाता है।
प्राधिकरण की ओर से अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि कानून के तहत मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं को इस तरह के खाद्य पदार्थो के परीक्षण की अनुमति दी जानी चाहिए। प्राधिकरण ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुए कहा है कि प्राधिकरण का मुख्य कार्य उत्पादन के किसी भी चरण में खाद्य उत्पाद की निगरानी या नियंत्रित करना है। उसका मुख्य सरोकार देश में उपभोग किए जाने वाले खाद्य उत्पादों की सुरक्षा है।