Satypal Malik Net Worth: जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का आज (5 अगस्त, मंगलवार) को निधन हो गया। वह 79 वर्ष के थे। उनके X अकाउंट पर एक पोस्ट ने उनकी निधन की पुष्टि की। पूर्व राज्यसभा सदस्य को नई दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
मलिक ने 1970 के दशक में एक विधायक के रूप में शुरुआत की। एक राजनेता के रूप में अपने 50 साल के करियर में उन्होंने कई पार्टियों बदलीं। उन्होंने मेघालय के राज्यपाल के रूप में भी काम किया।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन, कई दिनों से थे बीमार
सत्यपाल मलिक नेट वर्थ (Satyapal Malik Net Worth)
सत्यपाल मलिक की कुल नेटवर्थ की बात करें तो साल 2004 में उन्होंने आखिरी बार भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर बागपत से चुनाव लड़ा था। लेकिन उन्हें जीत नसीब नहीं हुई। MyNetaInfo के मुताबिक, इस चुनाव के दौरान दाखिल चुनावी हलफनामे में उन्होंने अपने पास कुल 76 लाख रुपये से ज्यादा की संपत्ति होने की जानकारी दी थी। जबकि उन पर 3 लाख रुपये से ज्यादा का कर्ज था।
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साल 2004 में उनके और उनके डिपेंडेंट के अकाउंट में कुल 19 लाख रुपये से ज्यादा जमा थे। वहीं इन्होंने बॉन्ड्स,डिबेंचर्स और शेयरों में 2 लाख10 हजार रुपये निवेश किए थे।
बात करें ज्वेलरी की तो सत्यपाल मलिक ने अपने हलफनामे में उस समय कुल 180 ग्राम गोल्ड होने की जानकारी दी थी। उनके पास कुल 22 लाख रुपये की चल संपत्ति थी।
वहीं बात करें अचल संपत्ति की तो सत्यपाल मलिक के पास कुल 21.2 एकड़ कृषियोग्य भूमि थी जिसकी वैल्यू उस समय 13 लाख रुपये से ज्यादा दिखाई गई थी। उनके पास 40 लाख से ज्यादा की कीमत वाली एक बिल्डिंग होने की जानकारी भी इस चुनावी हलफनामे में दी गई थी।
बता दें कि सत्यपाल मलिक बिहार, उड़ीसा, गोवा, मेघालय और जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे थे। और गवर्नर के पद पर रहते हुए उन्हें काफी अच्छी सैलरी और भत्ते मिलते थे। गवर्नर के तौर पर उन्हें 3.5 लाख रुपये सैलरी के तौर पर प्रतिमाह मिलते थे। इसके अलावा आलीशान सरकारी आवास और स्टाफ भी मिलता है। किसी राज्य के राज्यपाल को टेलिफोन और ट्रैवल अलाउंस भी दिया जाता है।
रिटायरमेंट के बाद पेंशन व सुविधाएं
आपको बता दें कि राज्यपाल के पद पर रहते हुए तो भारत में अच्छी सुविधाएं और सैलरी मिलती है। लेकिन रिटायर होने पर ना तो कोई सरकारी घर और ना ही पेंशन या भत्ता मिलता है। 1982 के अधिनियम के अनुसरा, राज्यपालों को पेंशन देने का कोई प्रावधान नहीं है।