देश की दिग्गज सरकारी कंपनी कोल इंडिया की सहायक संस्था भारत कोकिंग कोल लिमिटेड के 42,000 कर्मचारियों की अप्रैल महीने की सैलरी अटक सकती है। भारत कोकिंग कोल लिमिटेड के पास बीते कुछ सप्ताह से कैश का संकट है। ऐसे में अप्रैल महीने की सैलरी के पेमेंट में भी समस्या पैदा हो सकती है। कंपनी के मुताबिक बीते कई सप्ताह से उसे ग्राहकों की ओर से पेमेंट नहीं मिल सकी है। ऐसे में वह आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है। कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि सरकारी क्षेत्र के ग्राहकों की ओर से लगातार क्रेडिट पर ही कोयले की खरीद की जा रही है। ऐसी स्थिति में कोयले के उत्पादन को रोका भी जा सकता है।
इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक कोल इंडिया के एक सीनियर अधिकारी ने बताया, ‘बिजली कंपनियों पर कुल 32,000 करोड़ रुपये का बकाया है। किसी भी सहायक कंपनी की यह सबसे बड़ी बकाया रकम है। दरअसल बिजली बनाने वाली कंपनियों को लॉकडाउन के चलते कैश के संकट का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में उनकी ओर से पेमेंट नहीं की जा रही।’ उन्होंने कहा कि पूरी कैपिटल कोयले के उत्पादन और सरकारी कंपनियों को सप्लाई करने में ही खर्च हो रही है। ऐसी स्थिति में सैलरी देने, पीएफ अदा करने या अन्य भुगतान के लिए कैश के संकट की स्थिति पैदा हो गई है।
कोल इंडिया के अधिकारी ने कहा कि हम बैंकों से बात कर रहे हैं कि वे हमें कैश के संकट से उबारें। इसके अलावा सरकार की ओर से ऊर्जा कंपनियों और ग्रामीण इलाकों में इलेक्ट्रिफिकेशन के लिए 90,000 करोड़ रुपये के लोन का प्रस्ताव पेश किया गया है। इन कंपनियों को फंड मिलने के बाद हम भी उम्मीद कर रहे हैं कि कंपनियों की ओर से हमें पेमेंट की जाएगी। मार्च की ही बात करें तो कंपनी ने बैंकों में जमा फिक्स्ड डिपॉजिट पर फाइनेंस की व्यवस्था की थी और कर्मचारियों को सैलरी अदा की थी। हालांकि इस महीने यह संकट और गहरा गया है। यहां तक कि अब कोयले के उत्पादन पर भी संकट है।
Coronavirus से जुड़ी जानकारी के लिए यहां क्लिक करें: कोरोना वायरस से बचना है तो इन 5 फूड्स से तुरंत कर लें तौबा | जानिये- किसे मास्क लगाने की जरूरत नहीं और किसे लगाना ही चाहिए |इन तरीकों से संक्रमण से बचाएं | क्या गर्मी बढ़ते ही खत्म हो जाएगा कोरोना वायरस?

