Rupees Vs Dollar: भारतीय रुपया सोमवार को इंट्राडे ट्रेड में डॉलर के मुकाबले रुपया 89.79 के रिकॉर्ड लो पर पहुंच गया। प्रतिकूल व्यापार और पोर्टफोलियो प्रवाह तथा अमेरिका-भारत व्यापार समझौते के अभाव ने शानदार विकास से मिली बढ़त को फीका कर दिया।
यह गिरावट भारत द्वारा सभी उम्मीदों से बढ़कर जीडीपी के शानदार आंकड़े जारी करने के ठीक बाद आई। सितंबर तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था 8.2% बढ़ी। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में 3 नवंबर से अब तक करीब 1 रुपये की गिरावट आई है।
किन चीजों का पड़ा भारतीय रुपया पर दवाब?
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि डॉलर में मजबूती और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के कारण भी भारतीय मुद्रा पर दबाव पड़ा।
इसके अलावा आयातकों की ओर से डॉलर की भारी मांग स्थानीय मुद्रा पर लगातार दबाव बना रही है। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 89.45 प्रति डॉलर पर खुला।
इसके बाद यह अंतर-दिवसीय कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 89.79 (अस्थायी) के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया जो पिछले बंद भाव से 34 पैसे की गिरावट दर्शाता है।
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शुक्रवार को 89.45 पर बंद हुआ रुपया
रुपया शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 89.45 पर बंद हुआ था। रुपया 21 नवंबर को 98 पैसे टूटकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 89.66 के अपने सर्वकालिक निम्न स्तर पर बंद हुआ। इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.04 प्रतिशत की बढ़त के साथ 99.50 पर आ गया।
भारतीय शेयर बाजार का हाल
सेंसेक्स और निफ्टी ने शुरुआती कारोबार में नए सर्वकालिक उच्च स्तर को छुआ। हालांकि दोपहर तक ये रिकॉर्ड उच्च स्तर से नीचे आ गए। सेंसेक्स 122.58 अंक की गिरावट के साथ 85,584.09 अंक पर और निफ्टी 46.35 अंक टूटकर 26,156.60 अंक पर कारोबार करने लगा।
अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 1.96% की बढ़त के साथ 63.60 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) शुक्रवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 3,795.72 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
