मोदी सरकार से पहले साल 1978 में मोरारजी देसाई की सरकार ने बड़े नोटों पर बैन लगाया था। उस दौरान 1,000, 5,000 और 10,000 रुपए के नोट बैन की घोषणा के बाद यह बेकार हो गए थे। उस समय कुछ लोगों ने इन नोटों को बचाकर रख लिया था और अब उसकी नीलामी करने जा रहे हैं। जिन नोटों की कीमत उस समय सिवाए कागज के टुकड़ों के अलावा कुछ नहीं थी, आज उनकी कीमत लाखों में है। ऑक्शन हाउस मरूधर आर्ट्स के राजेंद्र मेरू ने बताया कि 1000 के नोट की कई बार बोली लगी इसमें एक हजार के एक नोट की कीमत 2.4 लाख रुपए तक पहुंच गई। हालांकि 5000 रुपए और 10,000 रुपए के नोटों की नीलामी नहीं हुई थी। उन्होंने बताया कि अनुमान के मुताबिक अब 1000 रुपए की कीमत 5 लाख तक जा सकती है।
मेरू बताते हैं कि साल 2000 में नोटों की बिक्री को कानूनी मान्यता मिलने के बाद से अब तक 200 बार नीलामी हो चुकी है। 10,000 और 5,000 रुपए के नोट का पब्लिक ऑक्शन नहीं किया जा सकता लेकिन निजी तौर पर इनकी बिक्री होती है। पिछले 15 साल में इनकी बिक्री 10 बार हुई है। इनकी कीमत 20 लाख तक पहुंच गई थी। मेरू बताते है कि मेरा मानना है कि अभी अगर इन नोटों की नीलामी की जाए तो इनका बेस प्राइस 30 लाख होगा और इसके ज्यादा होने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि ब्लैक मनी पर मोदी सरकार के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद 500 और 1000 रुपए के नोट मात्र कागज के टुकड़े बनकर रह गए हैं। नोटों के नीलामी के मामले पहले भी सामने आए। ऑनलाइन शॉपिंग साइट भी इस तरह के पुराने नोटों की ऑनलाइन नीलामी करता है। इसके अलावा इनमें वो नोट भी शामिल होते हैं, जिसके सीरियल नंबर दुर्लभ होते हैं। इन कीमतें लाखों में होती है।
वीडियो “2000 रुपए के नोट सिर्फ बैंक से मिलेंगे, ATM से नहीं”