एचसीएल के चेयरमैन शिव नाडर ने साल 2016 में देश में सबसे अधिक दान दिया। हुरुन रिसर्च सेंटर की 2016 kr रिपोर्ट के अनुसार नाडर ने बीते साल कुल 630 करोड़ दान में दिए। नाडर ने अपनी चैरिटेबल संस्था शिव नाडर फाउंडेशन के माध्यम से स्वास्थ्य समेत विभिन्न क्षेत्रों के लिए दिए। नाडर द्वारा दान दिए गए कुल 600 करोड़ रुपयों में से 458 करोड़ रुपये उन्होने शिव नाडर यूनिवर्सिटी में आधारभूत ढांचे के विकास के लिए दान दिए। नाडर भारतीय दानदाताओं की लिस्ट में पिछले साल पांचवे स्थान पर थे। 71 वर्षीय नाडर की कुल संपत्ति करीब 73 हजार करोड़ रुपये है। इस लिस्ट में 27 भारतीय अमीरों के नाम हैं जिन्होंने 2016 में 10 करोड़ से अधिक की राशि जनकल्याण के लिए दान किया था।
दान देने के मामले में देश में दूसरे नंबर पर इंफोसिस के चीफ एग्जिक्यूटिव कृष गोपालकृष्णन और तीसरे नंबर पर उद्योगपति मुकेश अंबानी रहे। पिछले साल गोपालकृष्णन ने 313 करोड़ रुपये और अंबानी ने 303 करोड़ रुपये दान में दिए थे। मुकेश अंबानी ने शिक्षा, ग्रामीण विकास, खेल और स्वास्थ्य समेत स्वच्छ भारत अभियान के लिए दान दिया।
भारतीय दानदाताओं की लिस्ट में सबसे युवा हैं 49 वर्षीय बिरला समूह के कुमार मंगलम बिरला। कुमार मंगलम ने पिछले साल 21 करोड़ रुपये दान किए थे। बायोकॉन की चेयरपर्सन किरण मजूमदार-शॉ ने पिछले साल स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक विकास के क्षेत्रों में 45 करोड़ रुपये दान में दिए। अजय पीरामल ने शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्रों में 111 करोड़ रुपये दान दिए।
पिछले साल भारतीय अमीरों ने कुल 2334 करोड़ रुपये दान में दिए। लिस्ट में शामिल हर अमीर ने औसतन 86 करोड़ रुपये दान दिया। इस लिस्ट को तैयार करने के लिए हारुन ने भारत के 300 सबसे सफल एंटरप्रेन्योर का सर्वे किया था। लिस्ट में एक जनवरी 2016 से 31 दिसंबर 2016 के बीच दिए गए दान के आधार पर आकलन किया गया।
भारतीय अमीरों ने सबसे अधिक दान (कुल दान का 35 प्रतिशत) शिक्षा क्षेत्र में दिया। भारतीय दान दाताओं में सबसे ज्यादा 10 मुंबई से हैं। उसके बाद बेंगलुरु और दिल्ली का नंबर है। दान दाताओं की औसत उम्र 65 साल है। साइरस एस पूनावाला ने 250 करोड़ रुपये और राहुल बजाज एवं परिवार ने 244 करोड़ रुपये पिछले साल स्वास्थ्य क्षेत्र को दान में दिए। शपूरजी पलोनजी ग्रुप के 87 वर्षीय पलोनजी मिस्त्री लिस्ट में शामिल सबसे उम्रदराज दानदाता हैं। उन्होने पिछले साल 68 करोड़ रुपये दान किए।
2015 की लिस्ट में से नौ दानदाता इस साल की लिस्ट में शामिल नहीं हैं। विप्रो के संस्थापक अजीम प्रेमजी ने 2015 में अपनी संपत्ति का 39 प्रतिशत एक ट्रस्ट और फाउंडेशन को दान कर दिया था लेकिन चूंकि वो दान एक ही बार में दिया गया दान था इसलिए 2016 की लिस्ट में उनका नाम शामिल नहीं किया गया। 2016 की लिस्ट में इंफोसिस के संस्थापकों एनआर नारायण मूर्ति और नंदन निलकर्णी के नाम नहीं हैं।