भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार (पांच अगस्त, 2019) को 11 बैंकों के खिलाफ कड़ा ऐक्शन लिया है। अपने कई नियम और प्रावधानों का पालन न करने को लेकर उसने इन सभी बैकों पर पेनाल्टी लगाई है। 31 जुलाई, 2019 के अपने आदेश को जारी करते हुए आरबीआई के आधिकारिक बयान में बताया गया कि जिन बैंकों पर पेनाल्टी लगाई गई है, उनमें बैंक ऑफ बड़ौदा (50 लाख रुपए), कॉरपोरेशन बैंक (50 लाख), फेडरल बैंक लिमिटेड (50 लाख), इंडियन ओवरसीज बैंक (एक करोड़ रुपए), जम्मू एंड कश्मीर बैंक लिमिटेड (50 लाख), ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (डेढ़ करोड़ रुपए), पंजाब एंड सिंध बैंक (एक करोड़ रुपए), पंजाब नेशनल बैंक (50 लाख), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (50 लाख), यूको बैंक (एक करोड़ रुपए) और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (एक करोड़ रुपए) शामिल हैं।
आरबीआई ने यह कार्रवाई बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट, 1949 के सेक्शन 47 ए (1) (सी) के साथ सेक्शन 46 (4) (i) व (51) (1) के तहत की है। दरअसल, इन सभी बैंकों ने आरबीआई द्वारा 2016 में दिए गए निर्देशों का पालन नहीं किया था।


नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद संग मौद्रिक नीति समिति की बैठक शुरूः रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति की चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पर तीन दिवसीय बैठक सोमवार को शुरू हुई। संभावना है कि केंद्रीय बैंक सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए प्रमुख नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की और कटौती करेगा। इससे पहले, रिजर्व बैंक लगातार तीन बार रेपो दर में कुल 0.75 प्रतिशत की कटौती कर चुका है।
आरबीआई के बयान के मुताबिक, ‘‘मौद्रिक नीति समिति की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा के लिये 5 से 7 अगस्त 2019 को बैठक होगी। नीतिगत समीक्षा को 7 अगस्त को पूर्वाद्ध 11.45 बजे केंद्रीय बैंक की वेबसाइट पर डाल दिया जायेगा।’’ नीतिगत दर में कटौती के साथ ही उद्योग जगत की छह सदस्यीय एमपीसी से यह सुनिश्चित करने की भी उम्मीद है कि बैंक दर में कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचे।

