कोरोना काल में मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को पेट्रोकेमिकल्स के कारोबार में झटका लगा है, लेकिन इसकी भरपाई रिलायंस जियो ने की है। रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह की टेलिकॉम कंपनी के मुनाफे में बीते साल के मुकाबले अप्रैल से जून तिमाही में 182 पर्सेंट का उछाल आया है। इसके अलावा रेवेन्यू में 33.76 फीसदी का इजाफा हुआ है। रिलायंस जियो को कुल 2,520 करो़ड़ रुपये का नेट प्रॉफिट हुआ है। फाइनेंशियल ईयर 2019-20 की पहली तिमाही में यह 891 करोड़ रुपये था। इसके अलावा दूसरी तिमाही में यह आंकड़ा 990 करोड़ रुपये था। तीसरे क्वॉर्टर में कंपनी को 1,350 करोड़ और चौथी तिमाही में 2331 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था।

इस तरह से बीते साल से लगातार रिलायंस जियो के मुनाफे और रेवेन्यू में तेजी देखी जा रही है। टेलिकॉम सेक्टर की प्रतिस्पर्धी कंपनियों एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के मुकाबले रिलायंस जियो का यह मुनाफा उसे रेस में कहीं आगे ले जाता है। जून तिमाही में एयरटेल को 15,933 करोड़ रुपये का नेट लॉस हुआ है।

इसकी एक वजह एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) के तौर पर सरकारी बकाये का पेमेंट करना भी है। इससे पहले बीते साल भी एयरटेल तो जून तिमाही में 2,866 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। हालांकि एजीआर की पेमेंट को हटाकर देखें तो एयरटेल का नेट लॉस 436 करोड़ रुपये का है। इससे पहले मार्च तिमाही में कंपनी को 471 करोड़ रुपये का लॉस हुआ था।

कर्ज के संकट में बुरी तरह से घिरे वोडाफोन आइडिया की हालत काफी खराब है। कंपनी की ओर से जून तिमाही के नतीजे अभी जारी नहीं किए गए हैं, लेकिन लगातार यूजर बेस कम होने के चलते कंपनी को बड़ा झटका लगने की आशंका है। इससे पहले मार्च में समाप्त हुई तिमाही में आइडिया और वोडाफोन के विलय के बाद बनी नई कंपनी को 11,643 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा था। दरअसल जियो की लॉन्चिंग के बाद से ही बीते करीब 5 सालों में एयरटेल और वोडाफोन आइडिया को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। खासतौर 4जी यूजर के मामले में रिलायंस जियो ने तेजी से बढ़त कायम की है, जबकि एयरटेल और वोडा की बिजनेस ग्रोथ प्रभावित हुई है।