भारत में 5G के लॉन्‍च होने के बाद कई विदेशी कंपनियों ने भारत के स्‍पेस में एंट्री लेना चाहती है। हाल ही में एलन मस्‍क की एलन मस्क की स्पेसएक्स ने दिलचस्‍पी दिखाई है। SpaceX, स्टारलिंक ब्रॉडबैंड-से सैटलाइट तक सर्विस भारत में देने के लिए एक बार फिर दूरसंचार विभाग (DoT) के पास लाइसेंस के लिए आवेदन किया है।

एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “स्पेसएक्स ने लाइसेंस के लिए आवेदन किया है और अब सरकार विभाग द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के बाद लाइसेंस पर फैसला करेगी।” वहींं इससे पहले ही भारती एयरटेल की वनवेब और रिलायंस जियो इन्फोकॉम की सैटलाइट ब्रांच ने पहले ही लाइसेंस हासिल कर लिया है, अरबपति एलोन मस्क की स्पेसएक्स लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाली तीसरी कंपनी है।

ऐसे में अगर एलन मस्‍क की स्‍टारलिंग को लाइसेंस मिलती है, तो सैटलाइट इंटरनेट सेवाओं के मामले में तीन बड़ी कंपनियां भारत में हो जाएंगी। ऐसे में एलन मस्‍क अपने व्‍यवसाय को बढ़ाने के लिए यूजर्स को कुछ स्‍पेशल ऑफर भी पेश कर सकते हैं, जिससे एयरटेल और रिलायंस जियो को कड़ी चुनौती मिल सकती है।

हालांकि अभी स्‍पेसएक्‍स के लिए राह आसान नहीं होगी, क्‍योंकि लाइसेंस मिलने के बाद भी स्पेसएक्स को एक इन-कंट्री अर्थ स्टेशन स्थापित करने और भारत में अपनी वर्ल्‍ड सैटलाइट बैंडविड्थ क्षमता को तैनात करने की भी आवश्यकता होगी। ये मंजूरी भारतीय नेशनल स्‍पेस प्रमोशन और ऑथोरिटी सेंटर (IN-SPACe) से लेनी होगी, जो स्‍पेस एरिया में निजी पूंजी को आकर्षित करने के लिए अनिवार्य एक केंद्रीय नियामक निकाय है।

बात दें स्पेसएक्स ने पिछले साल स्टारलिंक इंटरनेट के लिए यूजर्स को प्री-बुक करने के लिए चैनल खोले थे। हालांकि, सरकार की ओर से कंपनी को पहले मंजूरी लेने के लिए कहने के बाद कंपनी को प्री-बुक मनी वापस करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

एक्‍सपर्ट ने अनुमान लगाया है कि Jio, OneWeb, Tata Group के Nelco, कनाडा के Telesat और Amazon के साथ देश में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाओं के लॉन्च की खोज के साथ, भारत का ब्रॉडबैंड-से-स्पेस सर्विस सेक्‍टर 2025 तक 13 बिलियन अमरीकी डॉलर का हो सकता है।