दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही प्राइवेट टेलिकॉम कंपनी रिलायंस कम्यूनिकेशंस के कर्जदाताओं ने चेयरमैन अनिल अंबानी और चार अन्य डायरेक्टरों का कंपनी से इस्तीफा नामंजूर कर दिया है और उन्हें जारी दिवाला एवं ऋणशोधन प्रक्रिया में सहयोग करने का निर्देश दिया है।

कंपनी ने रविवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को इस बात की जानकारी दी। बता दें कि अंबानी समेत कंपनी के डायरेक्टरों रायना करानी, छाया विरानी, मंजरी काकेर तथा सुरेश रंगाचार ने इस महीने की शुरुआत में कंपनी से इस्तीफा दे दिया था। कंपनी ने बाजार को बताया है कि उसके कर्जदाताओं की समिति की 20 नवंबर को बैठक हुई। समिति ने एकमत से यह फैसला किया कि ये इस्तीफे स्वीकार नहीं किये जा सकते।

कंपनी ने कहा, ‘आरकॉम के संबंधित डायरेक्टरों को बताया जा रहा है कि उनके इस्तीफे स्वीकार नहीं किए गए हैं और उन्हें आरकॉम के डायरेक्टर के नाते दायित्वों और जिम्मेदारियों को निभाना जारी रखने का सुझाव दिया जाता है। उन्हें दिवाला और ऋणशोधन प्रक्रिया में सहयोग देने का निर्देश दिया गया है।’

बता दें कि दूरसंचार क्षेत्र के बकायों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कंपनी को सितंबर तिमाही में 30,142 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। यह किसी भारतीय कंपनी को एक तिमाही में हुआ दूसरा सबसे बड़ा घाटा है। उधर, अंग्रेजी अखबार टेलिग्राफ ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि आरकॉम की संपत्तियों को खरीदने के लिए भारतीय एयरटेल, रिलायंस इंडस्ट्रीज और तीन अन्य कंपनियां सोमवार को बोली लगा सकती हैं।

बता दें कि बोली दाखिल करने की अंतिम तारीख सोमवार है और सोमवार को ही आरकॉम की कमेटी इस बाबत मुलाकात करके बोलियां सार्वजनिक करेगी। सूत्रों के मुताबिक, आरकॉम की संपत्ति हासिल करने के लिए 5 कंपनियां बोली लगा सकती हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज अपनी सहयोगी कंपनी के जरिए यह बोली लगाएगी।