भारतीय रिजर्व बैंक ने उसके कुछ निर्देशों का उल्लंघन करने पर देश के 4 बैंकों पर जुर्माना लगाया है। इनमें सिटी यूनियन बैंक, तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक, नूतन नागरिक सहकारी बैंक और डेमलर फाइनेंशियल सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। इस बीच, केंद्र सरकार ने एक्सिस बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचकर 4 हजार करोड़ रुपये जुटाए हैं।
किस पर कितना जुर्माना: रिजर्व बैंक ने बताया कि सिटी यूनियन बैंक पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। वहीं, बैंकों में साइबर सुरक्षा संरचना को लेकर उसके द्वारा जारी निर्देशों के कुछ प्रावधानों का पालन न करने के लिए तमिलनाडु मर्केंटाइल बैंक पर भी एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
रिजर्व बैंक ने जमा धनराशि पर ब्याज दर,अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) से जुड़े निर्देशों और धोखाधड़ी निगरानी एवं रिपोर्टिंग तंत्र संबंधी सर्कुलर का पालन न करने के लिए अहमदबाद के नूतन नागरिक सहकारी बैंक पर 90 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। रिजर्व बैंक ने एक अन्य पुणे की डेमलर फाइनेंशियल सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पर भी 10 लाख का जुर्माना लगाया है।
एक्सिस बैंक में बेची हिस्सेदारी: इस बीच, केंद्र सरकार ने एक्सिस बैंक में स्पेसिफाइड अंडरटेकिंग आफ यूनिट ट्रस्ट्र आफ इंडिया (एसयूयूटीआई) के जरिये 1.95 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची है। ये हिस्सेदारी बेचकर सरकार ने 4,000 करोड़ रुपये जुटाये हैं। निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन (दीपम) सचिव तुहीन कांता पांडे ने ट्वीट कर जानकारी दी है। (ये पढ़ें-SBI की बीमा कंपनी पर बड़ी कार्रवाई)
सरकार ने दो दिन चले बिक्री पेशकश के जरिये एक्सिस बैंक में 5.80 करोड़ शेयरों की बिक्री की है। प्रति शेयर 701 रुपये के मूल्य पर 1.95 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री से सरकार को 4,000 करोड़ रुपये मिले हैं। (ये पढ़ें—पीएफ अकाउंट के ये हैं 4 बड़े फायदे)
बढ़ी आरबीआई की सख्ती: आपको बता दें कि बीते कुछ सालों में रिजर्व बैंक ने नियमों को लेकर सख्ती बढ़ा दी है। इसी के तहत कई सहकारी बैंकों पर जुर्माना भी लगाया गया है। वहीं, कुछ बैंकों का तो आरबीआई ने लाइसेंस रद्द कर दिया है। पंजाब एंड महाराष्ट्र यानी पीएमसी जैसे बैंकों पर एक साल से ज्यादा का प्रतिबंध लग चुका है।
दरअसल, आरबीआई बैंकों के फाइनेंशियल कंडीशन पर नजर रखता है। जिन बैंकों की स्थिति कमजोर होती है तो उस पर कई सख्त नियम लगा दिए जाते हैं। वहीं, कुछ बैंकों की गड़बड़ी ज्यादा होने पर लाइसेंस भी रद्द कर दिया जाता है।