भारतीय रिजर्व बैंक का रिटेल डायरेक्ट प्लेटफार्म निवेशकों के बीच इन दिनों काफी लोकप्रिय हो रहा है। 35 हजार से ज्यादा निवेशक बेहद कम समय में इस प्लेटफार्म से जुड़ गए हैं। इस प्लेटफार्म के जरिए कोई भी व्यक्ति आसानी से सरकारी बॉन्ड खरीद और बेच सकता है। सरकारी बॉन्ड में निवेश होने के चलते यह निवेशकों के लिए पूरी तरह सुरक्षित है।
एफडी से मिला रहा ब्याज: आरबीआई ने रिटेल डायरेक्ट प्लेटफार्म को नवंबर 2021 में लॉन्च किया गया था। इस प्लेटफार्म पर उपलब्ध केंद्र सरकार के बॉन्डों पर निवेशकों को करीब 6.8 फीसदी की ब्याज मिल रही है जबकि राज्य सरकार के 10 साल के बॉन्ड पर 7.2 से लेकर 7.24 फीसदी की ब्याज मिल रही है। जिसकी वजह से बड़ी संख्या में निवेशक बॉन्ड की तरफ आकर्षित हो रहे हैं।
टैक्स फ्री हो सकता है ब्याज: निवेशक बॉन्ड और गिल्ट्स को आसानी से आरबीआई के रिटेल डायरेक्ट प्लेटफार्म के जरिए ऑनलाइन बेच सकते हैं। वहीं इकोनामिक टाइम्स की खबर के मुताबिक सरकार रिटेल निवेश को बॉन्ड मार्केट में प्रोत्साहित करने के लिए इससे होने वाली कमाई पर इनकम टैक्स में छूट भी देने की योजना बना रही है।
बैंक और इंस्टिट्यूशन का दबदबा होगा खत्म: आमतौर पर दुनिया के ज्यादातर बॉन्ड मार्केट पर वहां की बैंकों और इंस्टीट्यूशंस का एकाधिकार होता है लेकिन आरबीआई इस प्लेटफार्म के जरिए भारत में रिटेल निवेशकों की भी बॉन्ड मार्केट में हिस्सेदारी सुनिश्चित कर रहा है। भारत सरकार के आर्थिक सर्वे 2021-22 के मुताबिक यह योजना मध्यम वर्ग, छोटे व्यवसायियों और वरिष्ठ नागरिकों की बचत को जोखिम मुक्त सरकारी प्रतिभूतियों (Government Securities) में ले जाने में उपयोगी साबित होगी। इसके लिए आरबीआई पूरे देश में जागरूकता अभियान भी चलाएगा।
कैसे करें निवेश: इस योजना में निवेश के लिए सबसे पहले आपको आरबीआई के पोर्टल पर जाना होगा। जहां आप ऑनलाइन रिटेल डायरेक्ट गिल्ट अकाउंट खोलना होगा। फिर पर इस अकाउंट के जरिए केंद्र सरकार के बॉन्ड, राज्य सरकार के बॉन्ड और ट्रेजरी बिलों में निवेश कर सकते हैं। किसी सरकारी बॉन्ड में आपको कम से कम 10 हजार रुपए निवेश करने होंगे जबकि अधिकतम निवेश की कोई भी सीमा नहीं है। वहीं इसी अकाउंट से आप सॉवरन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में भी निवेश कर सकते हैं। इस योजना में कम से कम आपको 1 ग्राम गोल्ड लेना होगा जिसमें आप 1 साल से 30 साल की अवधि तक निवेश कर सकते हैं।