RBI MPC Meet 2024: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली एमपीसी मीटिंग का आज (8 अगस्त) आखिरी दिन अपने फैसलों की जानकारी दी। यह मीटिंग 6 अगस्त से शुरू हुई थी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। बता दें कि लगातार आठवीं बार ऐसा हुआ है जब आरबीआई ने रेपो रेट में बदलाव ना करने का फैसला किया है। यानी रेपो रेट को 6.50प्रतिशत पर ही रखा गया है।
RBI की 6 सदस्यों वाली मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी में 5-1 के अनुपात में रेपो रेट में बदलाव ना करने का फैसला लिया गया। यानी 6 में से 4 सदस्यों ने रेपो रेट को 6.50 प्रतिशत पर ही बरकरार रखने में सहमति जताई।
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यूनियन बजट 2024 के बाद पहली MPC मीटिंग
23 जुलाई को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पेश हुए यूनियन बजट 2024 के बाद यह आरबीआई की मौद्रिक नीति की पहली बैठक है। बता दें कि मौजूदा MPC की ये आखिरी मीटिंग है क्योंकि इसके बाद कमेटी के लिए नए सदस्यों को नियुक्त किया जाएगा।
क्या कहा आरबीआई गवर्नर ने?
आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की जानकारी देते हुए कहा कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने लगातार नौंवी बार नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का निर्णय किया। आरबीआई गवर्नर ने बताया, ‘मौद्रिक नीति समिति के छह सदस्यों में से चार ने नीतिगत दर को यथावत रखने के निर्णय के पक्ष में मत दिया। एमपीसी ने उदार रुख को वापस लेने का रुख बरकरार रखा है।मुद्रास्फीति में व्यापक रूप से गिरावट का रुख।’
GDP ग्रोथ रेट 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान
उन्होंने आगे कहा, ‘तीसरी तिमाही में आधार प्रभाव के लाभ से कुल मुद्रास्फीति नीचे आ सकती है। वैश्विक आर्थिक परिदृश्य स्थिर दिख रहा है, हालांकि इसका विस्तार असमतल है। मुद्रास्फीति में खाद्य घटक अब भी चिंता का विषय है। चालू वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।’
आरबीआई गवर्नर ने आगे कहा कि परिवारों की खपत से मांग में सुधार को समर्थन मिल रहा है। खुदरा मुद्रास्फीति चालू वित्त वर्ष में 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। कृत्रिम मेधा (एआई) जैसी नई प्रौद्योगिकियां वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए नई चुनौतियां पेश करती हैं। घरेलू मांग बढ़ने से विनिर्माण गतिविधियों में तेजी जारी है और सेवा क्षेत्र की रफ्तार भी बरकरार है।