देश के अलग-अलग सहकारी बैंकों के खिलाफ भारतीय रिजर्व बैंक की सख्ती बरकरार है। बीते साल रिजर्व बैंक ने कई सहकारी बैंकों का या तो लाइसेंस रद्द किया था, या फिर जुर्माना और पाबंदियां लगाई थी।

अब एक बार फिर नए साल में रिजर्व बैंक ने दो सहकारी बैंकों पर जुर्माना लगाया है। कुल जुर्माना सात लाख रुपये का है। रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि रायपुर स्थित व्यावसायिक सहकारी बैंक मर्यादित पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। बैंक परिसर में एटीएम लगाने (ऑन-साइट एटीएम) और केवाईसी निर्देशों का उल्लंघन करने को लेकर यह जुर्माना लगाया गया है।

एक अन्य बयान में आरबीआई ने कहा कि महाराष्ट्र नागरी सहकारी बैंक मर्यादित पर जुर्माना केवाईसी के बारे में दिये गये निर्देशों का उल्लंघन को लेकर लगाया गया है। बीते साल के आखिरी महीने में आरबीआई ने महाराष्ट्र में कोल्हापुर के सुभद्रा लोकल एरिया बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया था।

आरबीआई के मुताबिक जिस तरीके से बैंक काम कर रहा था, अगर वह आगे भी ऐसा ही करता तो जनहित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता। भविष्य में जमाकर्ताओं के हितों को नुकसान पहुंच सकता था। आरबीआई ने सीकेपी सहकारी बैंक का भी लाइसेंस रद्द किया था।

वहीं, महाराष्ट्र के मंता अर्बन सहकारी बैंक पर भी छह महीने के लिए पाबंदी लगाई है। आरबीआई ने केरल के पेरीनथालमन्ना स्थित अरबन-कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर भी कार्रवाई की है। इस बैंक पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

इधर, चालू वित्त वर्ष की दिसंबर 2020 तिमाही में हाउसिंग फाइनेंस कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड का पर्सनल लोन वितरण 26 प्रतिशत बढ़ गया है। कंपनी ने कहा कि दिसंबर तिमाही में पर्सनल लोन कारोबार में सुधार हुआ। चालू वित्त वर्ष के पहले नौ माह में पर्सनल लोन पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि का 86 प्रतिशत रहा है।