डिपॉजिट इंश्‍योरेंस और गारंटीड कॉर्पोरेशन अक्‍टूबर में 8 महाराष्‍ट्र के सहकारी बैंकों समेत कुल 17 बैंकों के ग्राहकों के पैसे का भुगतान करने वाला है। क्‍योंकि भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से इन सभी बैंकों पर निकासी से लेकर कई प्रतिबंध लगाए गए थे। आरबीआई की ओर से इन बैंकों पर जुलाई में वित्तीय समस्‍या के कारण रोक लगाया गया था।

DICGC, RBI की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जो बैंक जमा पर 5 लाख रुपए तक का बीमा कवर प्रदान करती है। 17 सहकारी बैंकों में से आठ महाराष्ट्र, चार उत्तर प्रदेश, दो कर्नाटक और एक-एक नई दिल्ली, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में हैं।

महाराष्ट्र के सहकारी बैंक

साहेबराव देशमुख सहकारी बैंक, सांगली सहकारी बैंक , रायगढ़ सहकारी बैंक , नासिक जिला गिरना सहकारी बैंक , साईबाबा जनता सहकारी बैंक, अंजनगांव सुरजी नगरी सहकारी बैंक, जयप्रकाश नारायण नगरी सहकारी बैंक और करमाला शहरी सहकारी बैंक हैं।

उत्तर प्रदेश के सहकारी बैंक

लखनऊ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक, अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक (सीतापुर), नेशनल अर्बन को-ऑप बैंक (बहरीच), और यूनाइटेड इंडिया कंपनी -ऑप बैंक (नगीना) हैं।

कर्नाटक नई दिल्‍ली और अन्‍य राज्‍यों के को- ऑपरेटिव बैंक

श्री मल्लिकार्जुन पट्टाना सहकारी बैंक नियमिता (मस्की) और श्री शारदा महिला सहकारी बैंक (तुमकुर), रामगढ़िया को-ऑपरेटिव बैंक (नई दिल्ली), सूरी फ्रेंड्स यूनियन को-ऑप बैंक (बीरभूम, सूरी, पश्चिम बंगाल) और दुर्गा को-ऑप अर्बन बैंक (विजयवाड़ा, आंध्र प्रदेश) के पात्र जमाकर्ताओं को भी डीआईसीजीसी द्वारा अक्‍टूबर में भुगतान किया जाएगा।

DICGC की ओर से जानकारी देते हुए कहा गया है कि पात्र जमाकर्ताओं को अपने जमा राशि का दावा करने के लिए वैध दस्तावेज, पहचान और लिखित सहमति होनी चाहिए, जो उनके जमा खातों में जमा राशि को अधिकतम 5 लाख रुपए तक प्राप्त करने के साथ-साथ वैकल्पिक बैंक खाते के विवरण की भी जानकारी हो।

जमाकर्ताओं द्वारा बताए गए वैकल्पिक बैंक खाते में जमाकर्ताओं को भुगतान किया जाएगा, या उनकी सहमति पर, उनके आधार से जुड़े बैंक खाते में भुगतान किया जाएगा। गौरतलब है कि DICGC संस्था देश की बैंकिंग प्रणाली में छोटे जमाकर्ताओं का विश्वास बनाए रखने और वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जमाकर्ताओं को बीमा कवर प्रदान कर रही है।