मुंबई के न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने नए लोन जारी करने, डिस्बर्समेंट और खाताधारकों के पैसा निकालने जैसे कई प्रतिबंध लगा दिए हैं। आरबीआई के ‘बैन’ के बाद आज (14 फरवरी 2025) सुबह बैंक के बाहर लोगों की लंबी कतारें लग गईं। आरबीआई ने खाताधारकों के पैसे निकालने पर भी रोक लगा दी है। आरबीआईक के इस बैन के बाद बैंक के ग्राहकों में हड़कंप मच गया है और लोगों को मन में सवाल है कि आखिर अब उनके पैसे का क्या होगा?

मुंबई के अंधेरी में विजयनगर ब्रांच के बाहर सैकड़ों की संख्या में खाताधारक इकट्ठा हो गए हैं। लोगों के मन में यह सवाल है कि उनके पैसे का क्या होगा? क्या उनकी मेहनत की कमाई डूब जाएगी? लोगों का कहना है कि बैंक की कस्टमर सपोर्ट सर्विस काम नहीं कर रही है और ना ही ऐप चल रहा है।

JioHotstar Launch: एक ऐप में मिलेगा Jio और Disney+Hotstar का मजा, जल्द आ रहा नया OTT जियोहॉटस्टार, Netflix को टक्कर

न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक, मुंबई के लिए रिज़र्व बैंक के निर्देश गुरुवार (13 फरवरी 2025) को कारोबार की समाप्ति से लागू हो गए और छह महीने की अवधि तक लागू रहेंगे और समीक्षा के अधीन रहेंगे।

आरबीआई ने कहा, “बैंक की वर्तमान लिक्विडिटी स्थिति को ध्यान में रखते हुए, बैंक को बचत बैंक या चालू खाते या जमाकर्ता के किसी अन्य खाते से किसी भी राशि की निकासी की अनुमति नहीं देने का निर्देश दिया गया है।”

गौतम अडानी को बड़ा झटका! 3800 करोड़ रुपये के पावर प्रोजेक्ट से बाहर हुई कंपनी, जानें क्यों आई ऐसी नौबत

आरबीआई ने एक नोटिस में कहा, “भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) निर्देश संदर्भ के तहत। क्रमांक CO.DOS.SED.No.D-01/12-22-350/2024-2025 दिनांक 13 फरवरी, 2025 ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई (“he Bank) को कुछ दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिसके तहत, 13 फरवरी, 2025 को कारोबार की समाप्ति से, बैंक लिखित रूप में RBI की पूर्व अनुमति के बिना, कोई भी लोन रिन्यू या एडवांस पेमेंट नहीं करेगा और ना ही कोई निवेश करेगा। धन उधार लेने और नई जमा स्वीकार करने सहित किसी भी दायित्व को वहन करना, किसी भी पेमेंट को डिस्बर्स करना या डिस्बर्स करने के लिए सहमत होना, चाहे वह अपनी देनदारियों और दायित्वों के निर्वहन में हो या अन्यथा, किसी भी समझौता या व्यवस्था में प्रवेश करना और 13 फरवरी, 2025 के आरबीआई निर्देश में अधिसूचित के अलावा अपनी किसी भी संपत्ति या संपत्ति को बेचना, स्थानांतरित करना या अन्यथा निपटान करना, जिसकी एक प्रति जनता के इच्छुक सदस्यों के अवलोकन के लिए बैंक की वेबसाइट / परिसर में प्रदर्शित की जाती है।