रतन टाटा ने टाटा समूह के कर्मचारियों के लिए खुला खत लिखा है। इस खत के माध्यम से वो कर्मचारियों को साइरस मिस्त्री को हटाने की जानकारी दे रहे हैं। साथ ही इस खत के माध्यम से रतन टाटा ने कर्मचारियों को भरोसा दिलाने की कोशिश की है कि साइरस मिस्त्री को पदस हटाना समूह के लिए भायदेमंद साबित होगा। रतन टाटा को सोमवार को ही 100 बिलियन अमेरिकन डॉलर के टाटा समूह की दोबारे जिम्मेदारी सौंपी गई है। मिस्टर टाटा ने अपने खत में ये भी बताया कि प्रंबधन ने नई सलेक्शन कमेटीका गठन किया है जो टाटा समूह के अगले चेयरमैन की खोज करेगी। ये सलेक्शन कमेटी अगले चार महीनों में नए चेयरमैन की तलाश करेगी। इस कमेटी में रतन टाटा, रोनेन सेन, वेणु श्रीनिवासन, अमित चंद्रा जैसे नाम शामिल हैं। चेयरमैन पद से हटाए जाने से नाराज साइरस मिस्त्री ने बंबई हाई कोर्ट का रुख किया है। अब ये मामला कोर्ट में भी चलेगा।
सवालों से बचते नजर आए रतन टाटा, देखें वीडियो:
Cyrus Mistry to move Bombay High Court questioning Tata Sons Ltd's decision to remove him from Chairman post.
— Dhananjay Mahapatra (@toi_dhananjayM) October 24, 2016
मिस्त्री को वर्ष 2011 में कंपनी में चेयरमैन रतन टाटा का उत्तराधिकारी चुना गया था और उन्हें पहले डिप्टी चेयरमैन बनाया गया। टाटा संस के चेयरमैन पर दर मिस्त्री का चुनाव पांच सदस्यीय एक समिति ने किया था। मिस्त्री ने रतन टाटा के 75 वर्ष की आयु पूरी करने पर उनकी सेवानिवृत्त के बाद 29 दिसंबर 2012 को चेयरमैन का पद भार संभाला था। मिस्त्री वर्ष 2006 से कंपनी के निदेशक मंडल में शामिल रहे हैं। कंपनी के सबसे बड़े हिस्सेदार शापूरजी पालोनजी ने कंपनी के चेयरमैन पद के लिए उनके नाम की सिफारिश की थी। टाटा संस ने मिस्त्री को हटाने का कारण नहीं बताया है। उन्होंने बहुत धूमधड़ाके के साथ कंपनी की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी पर माना जा रहा है कि घाटे में चल रही कंपनियों को छांटने और केवल लाभ देने वाले उपक्रमों पर ही ध्यान देने के उनके दृष्टिकोण से कंपनी में अप्रसन्नता थी। इनमें यूरोप में घटे में चल रहे इस्पात करोबार की बिक्री का मामला भी शामिल है। इसके अलावा कंपनी के दूरंसचार क्षेत्र के संयुक्त उद्यम टाटा डोकोमो में जापानी कंपनी से अलग होने के मामले में भी डोकोमो के साथ कंपनी का एक कानूनी विवाद चल रहा है।